नई दिल्ली। पूरा देश एक तरफ गणतन्त्र दिवस की तैयारियां कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ हमारे जवान दुश्मनों से लोहा लेते नजर आ रहे है। दरअसल एक खबर समने आ रही है कि भारत-चीन की सेना के बीच LAC पर एक बार फिर झड़प हो गई है। तीन दिन पहले उत्तरी सिक्किम में के नाकू ला चीनी सैनिकों से भारतीय सैनिकों की झड़प हो गई थी। इस झड़प में चीनी सैनिकों के घायल होने की भी खबर है। हालांकि अभी इस खबर पर सेना के आधिकारिक बयान का इंतजार है। कल ही भारत और चीन के बीच कोर कमांडरों की 17 घंटे की मैराथन बैठक हुई थी।
ये बैठक कल सुबह 9.30 बजे शुरू होकर देर रात 2.30 बजे खत्म हुई। चीन के कहने पर ये बैठक बुलाई गई थी। भारत सेना की तरफ से लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन बातचीत कर रहे थे। चीन के बीएमपी हट मोल्डो में हुई इस बैठक में क्या कुछ निकला है ये अभी साफ नहीं है। लेकिन इस बैठक में सीमा पर तनाव घटाने और सैनिकों की वापसी पर चर्चा निर्धारित थी।
इससे पहले 15 जून 2020 को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं चीन ने अपने सैनिकों के हताहत होने का कोई आंकड़ा जारी नहीं किया था। चीन की सेना ने 14 जून को एलएसी पर दोबारा कैम्प बनाया था। इस पर आपत्ति जताने के लिए कर्नल संतोष बाबू 40 जवानों के साथ दुश्मन सेना के कैम्प में गए थे। शहीद जवानों में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू सहित 12 जवान 16 बिहार रेजिमेंट से थे।
इसके बाद 29-30 अगस्त 2020 को पैंगोंग त्सो लेक के दक्षिण में भारत और चीन के बीच फिर झड़प हुई। 31 अगस्त को मामले को सुलझाने के लिए चुसुल में बातचीत हुई। ये फिंगर एरिया (पैंगोंग त्सो) लेक के दूसरी तरफ हुई है। ये पहली बार ऐसी हुआ है कि इस इलाके में झड़प हुई है। भारतीय सेना ने चीन का करारा जवाब दिया। खैर झड़प में कोई भी भारतीय सैनिक हताहत नहीं हुई।