गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय एवं आदिवासी मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के साथ हुई बैठक में यह निर्णय किया गया ।
किसी क्षेत्र को ‘‘जनजातीय क्षेत्र’’ घोषित करने का अंतिम अधिकार गृह मंत्रालय के पास है ।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के संयुक्त सचिव एस के राठो ने बताया, ‘‘इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने के बाद, आयोग ने संविधान की छठी अनुसूची के तहत लद्दाख को ‘जनजातीय क्षेत्र’ का दर्जा देने की सिफारिश की है।’’
छठी अनुसूची में स्वायत्त जिला और क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना के बाद जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन का प्रावधान है ।