लखनऊ, योगी सरकार के साढ़े चार साल पूरे होने पर विकास के तमाम दावों को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा है कि कहा कि इस दौरान यूपी को सिर्फ़ बर्बादी मिली है जनता के टैक्स का पैसा खर्च करके सीएम योगी झूठे विज्ञापन देकर चाहे जितना चेहरा चमकायें, हक़ीक़त ये है कि प्रदेश की जनता महंगाई, बेरोज़गारी और अपराध से त्राहि-त्राहि कर रही है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने का वादा करके सत्ता में आई योगी सरकार बेशर्मी के साथ आज अपने साढ़े 4 साल पूरे होने पर “विकास उत्सव” मना रही है, जबकि सच्चाई यह है कि किसानों की आय दोगुनी करने का वायदा हो या हर साल 70 लाख नौजवानों को रोजगार देने का वायदा, सब फ़र्ज़ी साबित हुए हैं। लाखों सरकारी पद खाली हैं और प्रदेश के दो करोड़ युवा नौकरियों के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। योगी सरकार में बेरोजगारी दुगनी रफ़्तार से बढ़ी है। सरकार ने झूठे आंकड़े प्रस्तुत करके मनरेगा कर्मियों को रोजगारपरक ट्रेनिंग देकर उन्हें समायोजित करने के जो बड़े-बड़े दावे किए थे, आरटीआई में आई जानकारी के मुताबिक वह सब कोरे साबित हुए हैं।
प्रदेश अध्यक्ष श्री लल्लू ने बताया कि 2019 में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2018 में खत्म तिमाही में यूपी में सबसे ज्यादा करीब 15.8 फीसदी की दर से बेरोजगारी दर्ज की गई। योगी सरकार के श्रम व सेवा नियोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में बताया है कि श्रम मंत्रालय की ओर से संचालित ऑनलाइन पोर्टल पर 7 फरवरी 2020 तक करीब 33.93 लाख बेरोजगार रजिस्टर्ड हुए हैं। स्वामी प्रसाद ने जून 2018 में उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या 21.39 लाख बताई थी। आज सरकार झूठे आंकड़े प्रस्तुत करके मीडिया मैनेजमेंट में जुटी हुई है जबकि पिछले आंकड़ों के मुताबिक आज यूपी में 15 लाख से अधिक युवा पिछले दो साल में खुद को बेरोजगार के तौर पर रजिस्टर्ड हो चुके हैं। यूपी में बेरोजगारी का ये आलम है कि फोर्थ क्लास नौकरी के लिए पीएचडी व एमबीए की डिग्री वाले नौजवान लाइन में लगे नज़र आते हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चाहे युवाओं के उत्थान और बेरोजगारी से निपटने का विषय हो, किसानों को बेहतर जीवन मुहैया कराने व उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने का मामला हो, प्रदेश की महिलाओं -बेटियों की सुरक्षा का मामला हो, प्रदेश में बढ़ रहे अपराध के ग्राफ और लॉ एंड ऑर्डर का विषय हो, प्रदेश के औद्योगिक विकास एवं अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण का मामला हो,सभी मामलों में योगी आदित्यनाथ सरकार आजादी के बाद की अब तक की सबसे नकारा सरकार साबित हुई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सरकार की अकर्मण्यता और वादा खिलाफी पर तंज कसते हुए कहा की योगी सरकार जनता की गाढ़ी कमाई से प्राप्त टैक्स टैक्स की रकम चैनलों और टीवी अखबारों के माध्यम से झूठ पर आधारित महंगे विज्ञापनों पर खर्च कर रही है। मोदी सरकार की राह पर चलते हुए अब तक योगी सरकार ने साढ़े चार सौ करोड़ से भी ज्यादा रकम अपनी इमेज बनाने हेतु फर्जी विज्ञापनों पर खर्च किए हैं। प्रदेश सरकार इन विज्ञापनों द्वारा जनता को गुमराह करने की कोशिश करती जिसका ताजा उदाहरण इंडियन एक्सप्रेस अखबार में छपा पश्चिम बंगाल का “एलिवेटेड ब्रिज और अमेरिका स्थित फैक्ट्री है, जिसे योगी सरकार विज्ञापन में अपना विकास बताकर किरकिरी करा चुकी है।
अजय कुमार लल्लू जी ने कहा कि लघु एवं सीमांत किसानों का फसली ऋण माफी का मामला हो या 14 दिन में ब्याज मुक्त ऋण दिए जाने का वायदा हो, उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह फिसड्डी साबित हुई है योगी सरकार ने अपने संकल्प पत्र में किसानों की आय दोगुने करने का वायदा किया था। आय दुगनी होने के दावे की सच्चाई यह है कि उत्तर प्रदेश का किसान तय मूल्य से कम रकम में अपनी फसल बेचने को मजबूर है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने योगी सरकार पर किसानों के साथ घोर वादाखिलाफी किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा की प्रदेश सरकार का सबसे बड़ा वायदा गन्ना किसानों से था। कहा गया था कि उन्हें उनकी फसल का भुगतान 14 दिनों के भीतर न होने पर ब्याज समेत गन्ने का मूल्य ₹400 प्रति कुंतल मिलेगा जबकि सच्चाई यह है कि उत्तर प्रदेश के किसानों का करीब 14000 करोड रुपए से ज्यादा बकाये का भुगतान प्रदेश सरकार आज तक नहीं करवा पाई है। इसके साथ ही किसान ₹315 कुंटल पर गन्ना बेचने को मजबूर है, 4 साल में मात्र ₹10 गन्ने का मूल्य बढ़ाया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकारी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की ओर भी मीडिया का ध्यान आकृष्ट कराते हुए बताया की बाढ़ ओलावृष्टि फसलों का नुकसान होने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के किसानों को नहीं मिला। इन 2 वर्षों में 13 सौ करोड़ रूपया बीजेपी के मित्र कारपोरेट फसल बीमा के नाम पर हज़म कर गये। उधर, नीलगाय और आवारा पशुओं से प्रदेश का किसान त्रस्त है। पूरी रात जागकर फसलों की सुरक्षा करने वाले किसान को उसकी फसल का न उचित मूल्य मिलता है, न उसके बकाया भुगतान को लेकर सरकार गंभीर है। गौशालाओं के नाम पर करीब 700 करोड़ का वारा-न्यारा भाजपा नेताओं द्वारा किया गया। प्रदेशभर की मीडिया में पीएम सम्मान किसान निधि में भी अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत व त्रुटिपूर्ण अभिलेख के आधार पर भ्रष्टाचार व अनियमितता की खबरें आम हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा की प्रदेश सरकार ने इन्वेस्टर समिट, स्मार्ट सिटी के नाम पर तमाम लुभावने इवेंट्स कराए, करोड़ों का विज्ञापन मीडिया में दिया लेकिन हकीकत में न ही कोई रोजगार आया और न ही इंफ्रास्ट्रक्चर में कोई सुधार हुआ। 1000 करोड़ रुपए के स्टार्टअप वेंचर कैपिटल फंड की स्थापना का जो वादा था , प्रत्येक तहसील में आधुनिक कौशल विकास केंद्र जो स्थापित किए गए वह अपने मकसद को पूरा करने में असफल साबित हुए। योगी सरकार ने सबसे ज्यादा छलावा छात्रों नौजवानों को नौकरी देने के नाम पर किया। कोरोना महामारी के वक्त समूचे उत्तर प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक, माध्यमिक से लेकर ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन तक का शिक्षण कार्य प्रभावित रहा। छात्रों को फ्री इंटरनेट, मोबाइल टेबलेट और लैपटॉप देने का सरकार का दावा पूरी तरह फेल साबित हुआ है। इन साढ़े 4 वर्षों में छात्रों को डिजिटल सहयोग देने की विभिन्न सरकारी योजनाओं में भी व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है,जिसकी जांच अगर हो जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। इसके बावजूद योगी सरकार युवाओं और छात्रों को पुनः लोकलुभावन वायदों से भरे महंगे विज्ञापनों से गुमराह कर रही है।
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि योगी शासन में महिलाओं के साथ अपराध बढें हैं। प्रदेश में संगठित व असंगठित अपराध का ग्राफ इतना जबरदस्त बढ़ चुका है कि एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश अपराध के मामलों में पूरे देश भर में पहले स्थान पर आ चुका है। हिंसा के मामलों में भी उत्तर प्रदेश अव्वल है और पुलिस विभाग में करीब एक लाख पद खाली पड़े हैं ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश भाजपा सरकार के घोटालों की फेहरिस्त भी किसी से छुपी नहीं है, 2267 करोड़ का डीएचएफएल घोटाला, 4100 करोड़ का ईपीडब्ल्यू घोटाला, 120 करोड़ का नमक घोटाला , 40 करोड़ का राशन घोटाला , 55 करोड़ का पेड़ घोटाला ,पशुधन घोटाला, बेसिक शिक्षा विभाग का घोटाला, स्मार्ट मीटर का घोटाला बीजेपी शासन पर दाग़ की तरह हैं। सबसे शर्मनाक तो करोना महामारी के दौरान सामने आया पीपीई किट घोटाला ,वेंटिलेटर घोटाला,टेस्टिंग किट घोटाला रहे जिसने उत्तर प्रदेश को पूरी दुनिया के सामने शर्मसार किया। करोना कॉल में महामारी के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा देने में बुरी तरह फेल योगी सरकार हजारों नागरिकों को मृत्यु के उपरांत की ससम्मान अंत्येष्टि की स्थिति भी नहीं दे पायी। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की मीडिया ने दिखाया कि किस तरह गंगा नदी में हजारों लाशों उतरा रही हैं और शवों को और चील और कुत्ते नोच रहे हैं। सरकारी बदइंतज़ामी के कारण गंगा तट पर हजारों शवों को बिना अंत्येष्टि बालू में दबा दिया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रदेश की जनता महंगाई की मार से परेशान है। यूपी के नागरिक देश में सबसे महंगी बिजली खरीदेने पर मजबूर हैं। लेकिन योगी सरकार झूठ पर झूठ बोलकर विज्ञापनों के जरिये चेहरा चमका रही है। अगर प्रदेश सरकार ने विकास किया होता तो उसे आज “झूठ की बुकलेट” और धार्मिक एजेंडे का सहारा ना लेना पड़ता।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ सकती है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक बार फिर सांप्रदायिक सदभाव का माहौल खराब करने वाली भाषा, व्यवहार और मुद्दों को तूल देकर साबित कर रही है कि विकास के मोर्चे पर वह बुरी तरह फेल है। जनमानस के समक्ष भाजपा का कुरूप, अकर्मण्य चेहरा उजागर हो चुका है। प्रदेश की महान जनता आगामी विधानसभा चुनाव का बेसब्री से इंतजार कर रही है कि योगी सरकार को उसकी असंवेदनशीलता , अकर्मण्यता, झूठ , जुमलेबाजी का मुंह तोड़ जवाब दे सके।