कोरोना के शिकार पद्मश्री ज्ञानी निर्मल सिंह का भारी विरोध के बाद हुआ अंतिम संस्कार

अमृतसर ,  कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के संक्रमण से मारे गए श्री दरबार साहिब के पूर्व हजूरी रागी पद्मश्री ज्ञानी निर्मल सिंह का वेरका के लोगों द्वारा भारी विरोध करने के पश्चात आज वेरका के नजदीक स्थित सरकारी भूमि पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।

उल्लेखनीय है कि निर्मल सिंह का अंतिम संस्कार करने के लिए अमृतसर शहर के श्मशान घाटों सहित अमृतसर के बाहर स्थित वेरका के लोगों द्वारा अंतिम संस्कार को लेकर विरोध किया जा रहा था।

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लोगों के भारी विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन ने ज्ञानी निर्मल सिंह का अंतिम संस्कार देर शाम वेरका के नजदीम सरकारी भूमि (शामलात जमीन) पर कर दिया। इस अवसर पर सहायक पुलिस उपायुुक्त के हरपाल सिंह और एडीएम-1 विकास हीरा भी मौजूद रहे।

ज्ञानी निर्मल सिंह का अंतिम संस्कार करने के लिए जिला प्रशासन ने आज शाम को अमृतसर के वेरका स्थित श्मशान घाट पर तैयारी शुरू कर दीं थी लेकिन ग्राम वासियों को इसकी भनक लगते ही लोगों ने वहां इक्ट्ठा होकर विरोध करना शुरू कर दिया।

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वेरका में सभी जातियों के अलग अलग लगभग छह श्मशान घाट हैं। इन सभी जाति के लोगों ने अपने अपने घाट की सुरक्षा के लिए पहरा बिठा दिया है। लोगों का कहना है कि दाह संस्कार से उडने वाली राख गांवों में गिरेगी जिससे उन्हे भी कोरोना की चपेट में आने की आशंका है।

वेरका में भारी विरोध के चलते प्रशासन ने गांव फतेहगढ शुक्रचक्क के श्मशानघाट पर अंतिम संस्कार करना चाहा लेकिन वहां भी लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है।

विरोध करने के लिए प्रत्येक श्मशान घाट पर 150 से 200 लोग बैठे हैं जिसके चलते लॉकडाउन दौरान की जारी सोशल डिस्टेंसिंग भी खत्म हो गई है। ऐसे में कोरोना के और फैलने की भी आशंका है।

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