लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ कराने का, विधि आयोग ने किया अनुमोदन
August 31, 2018
नयी दिल्ली, विधि आयोग ने देश को लगातार चुनावी मोड से निकालने के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के मोदी सरकार के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। आयोग का तीन वर्षों का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है।आयोग ने हालांकि इससे पहले संवैधानिक रूपरेखा में बदलाव की भी सिफारिश की है।
आयोग ने सरकार को सौंपी अपनी मसौदा रिपोर्ट में कहा है कि एक साथ चुनाव कराने से देश लगातार चुनावी मोड से बाहर निकलेगा।आयोग ने, हालांकि अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले इस मुद्दे पर और सार्वजनिक परिचर्चा कराने का सुझाव दिया। उसने अपनी मसौदा रिपोर्ट में कहा है कि वर्तमान संवैधानिक रूपरेखा में यह काम नहीं हो सकता। उसने इस रूपरेखा में बदलाव का भी सुझाव दिया।
आयोग ने कहा, ‘‘एक साथ चुनाव कराने से सरकारी धन की बचत होगी, प्रशासनिक ढांचे और सुरक्षा बलों पर बोझ कम करने और सरकारी नीतियों को बेहतर तरीके से लागू करने में मदद मिलेगी। अगर एक साथ चुनाव कराए जाते हैं तो प्रशासनिक मशीनरी विकास गतिविधियों में लगी रहेगी।’’मसौदा रिपोर्ट को एक अपील के साथ सार्वजनिक किया गया जिसमें लोकसभा चुनाव और जम्मू-कश्मीर को छोड़कर सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए सभी संबंधित पक्षों की राय मांगी गयी है। रिपोर्ट की एक प्रति सरकार को सौंपी गई है।
उल्लेखनीय है कि एक साथ चुनाव कराने को लेकर विधि आयोग ने जुलाई में विभिन्न राजनीतिक दलों से चर्चा की थी हालांकि विपक्षी पार्टियों ने एक साथ चुनाव को संघीय ढांचे के खिलाफ बताकर इसका विरोध किया था। विपक्षी पार्टियों ने तर्क दिया था कि अगर किसी राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनती है तो एक साथ चुनाव सफल नहीं होगा। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इस तर्क को निर्मूल करार दिया है।