अहमदाबाद, गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के संकट मोचक कहे जाने वाले कद्दावर विधायक और कानून व शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूडासमा को बड़ा झटका देते हुए अहमदाबाद जिले की धोलका सीट पर पिछले चुनाव में मिली उनकी जीत को आज रद्द कर दिया।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक तथा खासे रसूखदार माने जाने वाले 71 वर्षीय श्री चूडासमा ने 2017 में हुए पिछले चुनाव में कांग्रेस के अश्विन राठौड़ को मात्र 327 मतों के बेहद नजदीकी अंतर से हराया था। निर्वाचन अधिकारी धवल जानी ने इससे पहले 429 पोस्टल बैलेट को खारिज कर इन्हें मतगणना में शामिल नहीं किया था। राठौड़ ने इसके बाद अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उनका कहना था कि अगर पोस्टल बैलट की भी गिनती हुई होती तो परिणाम उनके पक्ष में जा सकता था।
न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय की अदालत ने फरवरी में ही इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी। उन्होंने आज अपना फैसला सुनाते हुए श्री चूडासमा के निर्वाचन को खारिज कर दिया। हालांकि वह इस मामले में ऊपरी अदालत में अपील कर सकते हैं।
ज्ञातव्य है कि इस चर्चित मामले की सुनवाई के दौरान मतगणना के सीसीटीवी फुटेज में श्री चूडासमा के निजी सचिव को मतगणना केंद्र के अंदर मोबाइल फोन पर बात करते हुए देखा गया था। निर्वाचन अधिकारी जानी को भी उनके बर्ताव के लिए अदालत ने फटकार लगायी थी। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में पहले ही चुनौती देने का प्रयास करने वाले श्री चूडासमा को सितंबर में अदालत के समक्ष पेश होना पड़ा था और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जाने के अपने निर्णय के लिए अदालत में खेद भी जताया था।
श्री चूडासमा को गुजरात भाजपा का एक कद्दावर नेता माना जाता है। वह शिक्षा तथा संसदीय कार्य मंत्रालय के अलावा कुछ अन्य विभागों के भी कैबिनेट स्तरीय मंत्री हैं। वह चार बार मंत्री रहे हैं तथा पूर्व मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में भी मंत्रिपरिषद में शामिल थे। वह कई राजनीतिक संकट के समय सरकार को इससे उबारने में प्रमुख भूमिका निभाते रहे हैं।