लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीति के कारण अन्नदाता बदहाल है।
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार ने किसान की चिंता छोड़कर कारपोरेट घरानों को मदद देने का एलान कर दिया है। आरबीआई उद्योगपतियों को राहत देने में लगी है जबकि किसान बैंकों से सस्ते ब्याज पर कर्ज नहीं पा रहा है। गन्ना किसान का बकाया भुगतान भी नहीं हुआ, उल्टे कई जगहों पर तो उसे कर्ज वसूली की नोटिसें दी जा रही है।
मायावती ने सरकार के इस कदम को सराहा और सरकार से किया ये खास आग्रह?
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जब से भाजपा सत्तारूढ़ हुई है तब से विगत तीन वर्षों में सैकड़ों किसान कर्ज के कारण आत्महत्या कर चुके है। इधर लाॅकडाउन कार्यकाल में भी किसानों की आत्महत्यायें रूक नहीं रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि दो माह पूर्व हुई अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि से किसान उबर भी नहीं पाये कि आज रात में फिर से बे-मौसम बारिश एवं ओलावृष्टि ने किसानों की कमर ही तोड़ दी है। इसमें मुजफ्फरनगर, भदोही, सोनभद्र, रायबरेली, बहराइच, जौनपुर, वाराणसी, अयोध्या, कानपुर, बुलन्दशहर, फतेहपुर, बिजनौर एवं लखीमपुर आदि जनपदों में अतिवृष्टि ने गेहूं की फसल चौपट कर दी तथा आम के वृक्षों के बौर भी झड़ गये। आकाशीय बिजली गिरने से लगभग एक दर्जन किसानों की मौत भी हुई है उनके आश्रितों को 25-25 लाख रूपये प्रत्येक को आर्थिक सहायता तत्काल राज्य सरकार दे।