लिव-इन रिलेशन में रह रहें लोगो पर कोर्ट ने दिया ये फैसला…
January 29, 2019
प्रयागराज ,लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहीं दो लड़कियों की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि लड़कियां बालिग हैं और स्वेच्छा से साथ रह रही हैं. कोर्ट ने मेरठ पुलिस को कहा है कि वह सुरक्षा के लिए दी गई लड़कियों की अर्जी पर विचार करे और एक युक्तिसंगत आदेश पारित करे. जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस एस.एस.शमशेरी ने मेरठ के एसएसपी को कहा कि लड़कियों की जान को खतरे को देखते हुए वह एक हफ्ते में फैसला करें. लड़कियों ने दायर याचिका में कहा कि हम दोनों बालिग हैं और स्वेच्छा से साथ रह रहे हैं.
बता दें कि मेरठ की इन लड़कियों ने कोर्ट में गुहार लगाई है कि वे दोनों बालिग हैं और कई साल से जीवनसाथी की तरह रह रही हैं. लड़कियों का आरोप है कि उनके माता-पिता इस संबंध से नाखुश होकर परेशान कर रहे हैं. लड़कियों ने यह भी कहा है कि उन्हें जान का खतरा है. इसी को लेकर इन लड़कियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी.
याचिका में लड़कियों ने कहा है कि वे बालिग हैं. एक की उम्र 25 और दूसरी की उम्र 35 वर्ष बताई गई है. दोनों ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने जीवनसाथी के रूप में रहने को लेकर एक आपसी ‘मेमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग’ भी तैयार कर रखा है. दोनों लड़कियों का कहना था कि उनकी जान को खतरा होने की जानकारी होने के बावजूद मेरठ पुलिस कोई मदद नहीं कर रही है. उनका कहना है कि, समाज में उनकी छवि धूमिल हो रही है जबकि दोनों लड़कियों की अदालत से गुहार थी कि वे बालिग हैं. उन्हें आपस में रहने का मौलिक अधिकार मिला है और वे खुश भी हैं. उनका कहना था कि साल 2013 से वे आपसी समझौते के तहत साथ-साथ रह रही हैं.