लखनऊ , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वित्तीय समावेशन के साथ कारीगरों और हस्तशिल्पियों को जोड़े जाने से आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती मिलेगी।
‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के तहत टूल किट एवं प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत ऋण वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये श्री योगी ने गुरूवार को कहा कि पारम्परिक उद्योगों से जुड़े लोगों को उनकी सरकार ने समाज की मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया है। पहले यह लोग उपेक्षित थे। उनके पास हुनर था, लेकिन मंच नहीं था। कौशल था, लेकिन प्रोत्साहन नहीं था। राज्य सरकार ने ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ तथा ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना लागू की, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों को लाभान्वित किया गया।
उन्होंने कहा कि पारम्परिक हस्तशिल्पी व कारीगर जब खुशहाल व समृद्ध होंगे, तभी समाज खुशहाल होगा और अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। इस अवसर पर उन्होंने प्रतीक स्वरूप 10 लाभार्थियों को टूल किट तथा मुद्रा ऋण बैंक स्वीकृत पत्रों का वितरण किया। पूरे प्रदेश में ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ तथा मुद्रा योजना के तहत 4,500 लाभार्थियों को 60 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों के लाभार्थियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद भी किया। इस अवसर पर एमएसएमई क्षेत्र के विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और सिडबी के बीच एमओयू का आदान-प्रदान किया गया।
श्री योगी ने विश्वकर्मा जयन्ती तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर बधाई देते हुए कहा कि ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के माध्यम से प्रशिक्षित हुए लाभार्थियों को प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र, टूल किट तथा स्वरोजगार स्थापना के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत ऋण वितरण का कार्यक्रम सराहनीय है। भगवान विश्वकर्मा विश्व के शिल्पी के रूप में जाने जाते हैं। उनकी जयन्ती के अवसर पर कारखानों और वर्कशाॅप्स में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह कार्यक्रम पूजा व श्रद्धा के अलावा ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को और बल दे सकें, इस उद्देश्य से आज का यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जी की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्राम स्वराज्य की संकल्पना भी साकार हो रही है। यह कार्यक्रम भारत को समर्थ, सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने का प्रतीक है।