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लखनऊ के दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर पर दलितों ने किया कब्जा

लखनऊ, हनुमान को दलित कहने पर बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हनुमान जी को दलित बताये जाने के बाद राजनीति तेज हो गई।

सीएम योगी के बयान के बाद दलित समाज ने हनुमान जी पर हक जताना शुरू कर दिया है। शनिवार को राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित ​दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर पर दलितों ने कब्जा कर लिया। दलित उत्थान सेवा समिति के पदाधिकारियों एवं सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थि​त हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की और हनुमान चालीसा का पाठ किया।हनुमान मंदिर में दलित समाज ने अपना हक जताने की मांग तेज कर दी है।

दलित उत्थान सेवा समिति के बैनर तले सैकड़ों की तादाद में दलित तख्ती लेकर पहुंचे, जिस पर लिखा हुआ था, ‘दलितों के देवता बजरंग बली का मंदिर हमारा है। प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री राजबहादुर के नेतृत्व में हजरतगंज के हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की और हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके बाद सूबे के मुख्यमंत्री योगी से यह मांग की कि राज्य में जितने भी हनुमान मंदिर हैं, वहां के प्रबन्ध तन्त्र में दलितों की भागीदारी सुनिश्चित करें एवं दलित पुजारियों की नियुक्ति की घोषणा भी करें। यह समिति इस तरह के कार्यक्रम अनवरत जारी रखेगी।

समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र गौतम ने बताया कि आज के इस कार्यक्रम में सैंकड़ों की संख्या में दलित समुदाय के लेाग मौजूद रहे। मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ ही साथ केंद्र की भाजपा सरकार के एसटी आयोग के चेयरमैन ने भी अपनी घोषणा में यह बात स्वीकार किया है कि भगवान हनुमान जी दलित हैं।दलितों ने कहा कि अब हमें मंदिर के अंदर पूजा कराने की अनुमति भी दी जाए।

दलित समुदाय के इस कदम के बाद समाजवादी के प्रवक्ता सुनील सिंह साजन का कहना है कि पूजा कोई भी कराए इसमें सपा को कोई ऐतराज नहीं है। सपा पूजा करेगी और जो भी पूजा कराएगा उसके पैर भी छुएगी।

बता दें, आगरा में दलित समुदाय के लोगों ने जनेऊ धारण कर मंदिर में हनुमान चालीसा पढ़ी।आगरा के प्रदर्शनकारी दलितों ने कहा कि सीएम योगी ने उनकी आंखें खोल दी कि हनुमान जी हमारी जाति के हैं। इन लोगों ने पूरे भारत के हनुमान मंदिर पर दावा ठोकने की बात कही। इससे पहले, राजस्थान के अलवर में प्रचार करने पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने हनुमान जी को दलित बता दिया था।