लखनऊ , उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के ग्राफ मे बड़ा परिवर्तन आया है। इसमें कोरोना टेस्टिंग की भूमिका सबसे अहम रही है।
कोरोना संक्रमण का ग्राफ लगातार नीचे गिर रहा है। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के कुल 17775 नए मामले आए हैं जबकि 19425 लोग कोरोना को मात देकर ठीक हो गए हैं। यूपी में कोविड मरीजों का रिकवरी रेट 90 फीसदी के करीब पहुंच गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने गुरूवार को बताया कि कोरोना महामारी की रफ्तार पर लगाम लगाने में टेस्टिंग की भूमिका सबसे अहम रही। पिछले 24 घंटे के भीतर प्रदेश सरकार ने 2.53 लाख कोविड टेस्ट किए। ग्रामीण इलाकों में 1.40 लाख एंटीजन टेस्ट किए गए हैं।
उन्होने बताया कि शहरों में कोविड की रफ्तार कम करने के साथ ही सरकार ने ग्रामीण इलाकों में कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा अभियान चला रही है। 60 हजार से ज्यादा निगरानी समितियों के 4 लाख सदस्यों समेत स्वास्थ्य कर्मियों की फौज गांवों में घर घर जा कर कोरोना की रोकथाम और ग्रामीणों तक जांच और इलाज की सुविधा पहुंचा रही है।
पिछले 19 दिनों में प्रतिदिन आने वाले कोरोना केसों में करीब 60 फीसदी की कमी आई है । 24 अप्रैल को एक दिन में सबसे ज्यादा 38 हजार 05 एक्टिव केस आए थे, जो कि पिछले 24 घंटे में आये 17775 केस के मुकाबले लगभग 21 हजार ज्यादा थे।
आंकड़ों की बात करें तो 30 अप्रैल से 12 मई तक कुल 1.6 लाख कोरोना केस कम हुए हैं। कोविड मरीजों का रिकवरी रेट 90 फीसदी के करीब पहुंच रहा है। यह देश के किसी भी अन्य राज्य के मुकाबले काफी ज्यादा है। 24 घण्टो में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या 19425 है। जबकि 24 घण्टों में 17775 नए केस आए हैं। टेस्टिंग के मामले में भी यूपी लगातार न रिकार्ड बना रहा है। 24 घण्टे में 2.53 कोविड टेस्ट किये गये हैं। ग्रामीण इलाकों में 1.40 लाख एंटिजन टेस्ट किए गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि गांव से लेकर शहर तक महामारी से बचाव के किये गये पुख्ता इंतजामों का असर है कि कोरोना को मात देने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। एक्टिव केसों में भी कमी आ रही है। प्रदेश में बीमारी की रोकथाम के लिये सरकार की ओर से हर संभव मदद जारी है। प्रत्येक मरीज की निगरानी की जा रही है। इसके लिये रैपिड रिस्पांस टीम बड़ी भूमिका निभा रही है। अन्य राज्यों से मंगाई जा रही ऑक्सीजन से रोगियों को समय पर बचाया जाना संभव हुआ है। कोविड चिकित्सालयों में चिकित्सा कर्मियों, औषधियों, मेडिकल उपकरणों तथा बैकअप सहित ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता बनाये रखने का निर्णय भी कारगार साबित हुआ है। इसकी वजह से ही गंभीर मरीजों को जान बचा पाना संभव हो रहा है। प्रदेश में लागू किया गया आंशिक कोराना कर्फ्यू भी बीमारी को बहुत हद तक रोक पाने का सफल उदाहरण बना है।