नयी दिल्ली, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) को मानद (डीम्ड) विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए उसे आशय पत्र जारी किया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत संचालित और देश के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों में शामिल आईआईएमसी पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क विषयों में परास्नातक डिप्लोमा कोर्स कराता है।मानद विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने के बाद संस्थान डिप्लोमा की जगह डिग्री प्रदान कर सकेगा।
आईआईएमसी के महानिदेशक के जी सुरेश ने कहा, ‘‘हम इसे लेकर आशान्वित हैं और यह देश में मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। इस क्षेत्र में बड़ा निर्वात बना हुआ है। अब तक, हम उद्योग के लिए छात्रों को तैयार कर रहे थे लेकिन मानद विश्वविद्यालय दर्जा मिलने के बाद हम परास्नातक, एमफिल और पीएचडी सहित परास्नातक कोर्स चला पाएंगे और हम छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र के लिए भी तैयार कर पाएंगे।’’
यूजीसी ने आईआईएमसी के प्रस्ताव का विश्लेषण करने के लिए पिछले साल भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलपति बी के कुठियाला की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया था।बाद में इस समिति को भंग कर दिया गया था और दो समितियों ने सिफारिश की थी।
समिति की सिफारिश और निरीक्षण दल की प्रतिक्रिया के आधार पर, यूजीसी ने सिफारिश की कि मंत्रालय को ‘डि नोवो’ श्रेणी के तहत इस संस्थान को आशय पत्र जारी किया जाना चाहिए। आईआईएमसी दिल्ली और ढेंकनाल में दो परिसरों से बढकर बीते पांच साल में जम्मू, अमरावती, कोट्टायम और आइजोल सहित कुल छह परिसरों वाला हो गया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अगस्त में एचआरडी मंत्रालय को आईआईएमसी को मानद विश्वविद्यालय का दर्जा देने की सिफारिश की थी। एचआरडी उच्चतर शिक्षा सचिव आर सुब्रह्मण्यम ने कहा, ‘‘आईआईएमसी को आशय पत्र जारी किया गया है और कुछ विसंगतियों का पता चला है। उन्हें दूर करने के बाद संस्थान को मानद विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाएगा।’’