नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाकर मजदूरों के घर जाने की व्यवस्था की है लेकिन लगभग 20 दिनों में ट्रेन यात्रा के दौरान कई लोगों की मौत हो चुकी है. रेलवे अधिकारियों ने इस संबंध में एक डेटा शेयर किया है.
रेलवे अधिकारियों ने ट्रेन यात्रा के दौरान लोगों की मौत के संबंध में एक डेटा शेयर करते हुए कहा, ‘अब तक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 80 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई है. जिसमें एक व्यक्ति की मौत कोरोना वायरस की वजह से हुई है. वहीं 11 अन्य लोगों की मौत पहले से ग्रसित किसी अन्य बीमारी से हुई है.’
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह डेटा 9-27 मई के बीच का है. गुरुवार को सर्वोच्च अदालत ने निर्देश दिया था कि प्रवासी मजदूरों से घर वापसी का कोई भी पैसा नहीं लिया जाएगा, फिर चाहे वो बस या फिर ट्रेन के जरिए ही क्यों ना हो.
इससे पहले ट्रेन में पानी की कमी, भूख और जरूरी सामान की कमी के कारण हो रही श्रमिकों की मौत या बीमारी को लेकर भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नोटिस जारी किया है. मानवाधिकार आयोग की ओर से गुजरात, बिहार के चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी किया गया है. इसके अलावा केंद्रीय गृह सचिव, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को भी नोटिस देकर जवाब मांगा गया है.
जारी बयान में कुछ मामलों का जिक्र भी किया गया है, जिसमें मुजफ्फरपुर में हुई दो लोगों की मौत, दानापुर, सासाराम, गया, बेगूसराय और जहानाबाद में एक-एक मौत पर जवाब मांगा गया है. बयान में कहा गया कि इनकी मौत भूख की वजह से हुई थी. वहीं गुजरात के सूरत से निकली एक ट्रेन करीब नौ दिन के बाद बिहार में पहुंची थी.