नई दिल्ली, नकाबपोश गुंडों ने रविवार शाम जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर धावा बोल दिया। हिंसा में जेएनयू छात्रसंघ के पदादिकारियों सहित 30 से ज्यादा छात्र घायल हो गए। जेएनयू छात्र संघ ने दावा किया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने हिंसा को अंजाम दिया है। जेएनयू हिंसा के बाद पुलिस ने फ्लैगमार्च किया है।
सूत्रों के अनुसार, रविवार शाम बड़ी संख्या में नकाबपोश लाठी-डंडों से लैस होकर कैंपस में घुसे और छात्रों- शिक्षकों पर हमला किया। पहले उन्होंने छात्रों पर हमला किया और कुछ ही देर के बाद तोड़ फोड़ शुरू कर दी। हमले मे जेएनयू के टीचर्स भी घायल हो गए।
जेएनयू की फैकल्टी सुचारिता भी घायल हुई हैं।
हमले में जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष और महासचिव सतीश चंद्र यादव बुरी तरह से घायल हो गये हैं।
जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष के सिर पर चोट आई है।
हिंसा में घायल हुए छात्रों को इलाज के लिए एम्स मे भर्ती कराया गया है।
कैंपस परिसर और वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई।
हमलावरों ने छात्रों-शिक्षकों को निशाना बनाने के साथ-साथ कैंपस में संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया।
छात्रों ने इस हमले के लिए छात्र संगठन एबीवीपी को जिम्मेदार बताया है।
तो वहीं एबीवीपी के छात्रों ने इस हमले के लिए लेफ्ट के छात्रों को जिम्मेदार बताया है।
बवाल के बाद दिल्ली पुलिस भी हरकत में आती हुई नजर आई।
जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए इसे भारत की छवि के लिए खतरा बताया।
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी जेएनयू पहुंचे हैं। हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए येचुरी ने कहा कि वो नकाबपोश कौन थे, जो जेएनयू में घुसे और छात्रों पर हमला किया। सीताराम येचुरी जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। AIIMS में घायलों से मिलने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पहुंची। घायलों से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि एम्स ट्रॉमा सेंटर में घायल छात्रों ने मुझे बताया कि गुंडों ने परिसर में प्रवेश किया और लाठी के अलावा अन्य हथियारों से हमला किया। कई के सिर पर चोटें आई हैं। एक छात्र ने कहा कि पुलिस ने उसके सिर पर कई बार लात मारी हैं।