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बीजेपी का प्रवक्ता कहे जाने पर भड़की मायावती, दी ये सफाई ?

लखनऊ, चीन सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच छिड़ी तकरार को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुये बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों में केन्द्र के साथ हमेशा ही खड़ी रहती है, चाहे किसी भी पार्टी की सरकार रही हो।

सुश्री मायावती ने कहा कि कांग्रेस जब केन्द्र की सत्ता में थी तो बसपा ने देशहित के हर मामले में उसका साथ दिया और अब जबकि बीजेपी केन्द्र की सत्ता में है, तो चीन के साथ जारी सीमा विवाद और संघर्ष के मामले में वह उसके साथ है। बसपा का मानना है कि देश की रक्षा व सीमा की सुरक्षा के मामले में सर्वाधिक दायित्व व असली संवैधानिक जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की ही बनती है,इसलिए अगर कांग्रेस सोचती है कि बसपा उसका साथ देकर केन्द्र सरकार से तू-तू, मैं-मैं करेगी तो यह सम्भव नही हैं। एक असली अम्बेडकरवादी पार्टी का यह स्वभाव नहीं हो सकता है।

उन्होने कांग्रेस को चेतावनी दी कि वह बसपा को ‘भाजपा के हाथ का खिलौना’ और ‘बीजेपी का अघोषित प्रवक्ता’ आदि कहने की गलत, बेतुकी और बेहूदी बातें तत्काल बन्द करे। बसपा ना तो कभी कांग्रेस के हाथ का खिलौना रही है ना ही कांग्रेस की प्रवक्ता कभी भी रही है और ना ही बीजेपी की है और ना ही आगे कभी ऐसा संभव है।

सुश्री मायावती ने कहा कि कांग्रेस हो या बीजेपी, जो भी पार्टी केन्द्र की सत्ता में होती है तो वह अपनी-अपनी सुविधा के लिए बसपा पर इस प्रकार का तुच्छ आरोप लगाती है, जो कि जगजाहिर है। वास्तविकता यह है कि बसपा एक मजबूत विचारधारा वाली एक मात्र अम्बेडकरवादी पार्टी व मूवमेन्ट है। इसे इसके उसूलों से ना तो कोई झुका सकता ना ही कोई डिगा सकता है।

उन्होने कहा कि कांग्रेस के लोग ऐसी बेहूदी बातें जान-बूझकर लोगों में भ्रम फैलाने व नेतृत्व को बेवजह बदनाम करने के लिए करते है, जबकि उन्हें ही क्या बल्कि पूरे देश को अच्छी तरह से मालूम है कि बसपा अपनी आइडियोलाजी के हिसाब से ही काम करती है और बीजेपी के साथ मिलकर कभी भी कोई चुनाव आजतक कहीं लड़ा है, क्योकि दोनों पार्टियों की विचारधारा अलग-अलग है।

सुश्री मायावती ने कहा “ इसी अपने मूल सिद्धान्त को लेकर ही 2003 में हमने यूपी के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और स्पष्ट कर दिया था कि बीजेपी के साथ गठबन्धन की सरकार बनाना अलग बात है, परन्तु साथ मिलकर चुनाव लड़ना अलग मामला है।”

उन्होने कहा कि देश को ’’आत्मनिर्भर’’ बनाने की कोशिश अच्छी बात है, लेकिन इसके नाम पर केन्द्र व राज्य सरकारें जो भी योजनायें चला रही हैं वे पूरी निष्ठा, ईमानदारी व निष्पक्षता के साथ जमीन पर अमल में नहीं लाई जा रही हैं। लोगों का यह कहना है कि इसमें पक्षपात किया जा रहा है। इनका लाभ सर्वसमाज के गरीबों व अन्य अति-जरूरतमंद लोगों को सही से पूरा नहीं मिल रहा है, बल्कि जिस राज्य में जिस पार्टी की सरकार है वह अपने-अपने हिसाब से अपने लोगों को ही ज्यादातर इसका लाभ दे रही है।

बसपा सुप्रीमों ने कहा कि इन योजनाओं के केवल प्रचार करने व इन्हें लांच करने से काम नहीं चलेगा बल्कि इसको निष्पक्ष तौर पर जमीनी हकीकत में बदलना होगा, जिसके लिए इन योजनाओं की मानिटरिंग भी बहुत जरूरी है जिसकी व्यवस्था केन्द्र सरकार को जल्द से जल्द करनी चाहिए।