बताया गया कि दोनों पर पार्टी में अनुशासनहीनता के कारण ये कार्रवाई की गई है. दरअसल ये दोनों नेता लोकसभा चुनाव 2019 के बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए थे. जिसके बाद ऐसी चर्चाएं थी कि दोनों बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
इसे लेकर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने हिदायत दी थी कि यदि पार्टी के सदस्यों को दूसरे दलों के नजदीकी और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाया गया तो उन्हें बाहर कर दिया जाएगा. एक बार फिर से मेयर सुनीता वर्मा और उनके पति योगेश वर्मा के बीजेपी में जाने की चर्चाएं थी लेकिन मायावती ने इससे पहले उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
मायावती ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में इस बात का भी काफी प्रचार किया कि मुसलमानों को ज्यादा टिकट मिलने से बीजेपी को लाभ मिलेगा. लेकिन बीएसपी अपने सिद्धांतों पर अडिग रही. इसी का परिणाम है कि पार्टी के सभी 10 सांसद सर्वसमाज का प्रतिनिधित्व करते हैं. इनमें ब्राह्मण, मुस्लिम, यादव, व एससी आदि सभी वर्ग के लोग शामिल हैं.