मायावती ने भविष्य मे आने वाले इस उन्माद के प्रति किया सचेत, बीजेपी की साजिश का किया पर्दाफाश
July 31, 2018
नई दिल्ली, बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भविष्य मे आने वाले नये उन्माद के प्रति लोगों को सचेत किया है. उन्होने कहा कि देश के लिए यह उन्माद एक ऐसा सरदर्द बनकर उभरेगा, जिससे निपट पाना बहुत ही मुश्किल होगा.
मायावती ने नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटिजन्स (एनआरसी) ड्राफ्ट पर सख्त टिप्पणी करते हुये कहा कि एनआरसी के प्रकाशन के बाद 40 लाख से अधिक धार्मिक व भाषाई अल्पसंख्यकों की नागरिकता को लगभग समाप्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह लोगों का मानना है कि इस प्रकार केंद्र व असम में अपनी स्थापना का एक प्रमुख उद्देश्य बीजेपी एंड कंपनी ने प्राप्त कर लिया है.
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि असम में बरसों से रहने के बावजूद अगर वे लोग अपनी नागरिकता के संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं दे पाए हैं, तो इसका ये मतलब नहीं है कि उनसे नागरिकता ही छीन ली जाए. उन्हें देश से बाहर निकालने का जुल्म ढाया जाए. उन्होंने कहा कि इन प्रभावित लोगों में ज्यादातर बंगाली मुसलमान हैं और भाषाई अल्पसंख्यकों में बंगला बोलने वाले गैर मुस्लिम बंगाली हैं. उन्होंने कहा कि बंगाल में भी इसका दुष्प्रभाव काफी ज्यादा पड़ने वाला है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी व आरएसएस की संकीर्ण विभाजनकारी नीतियों का ही परिणाम है कि असम में आज ऐसा अनर्थ परिणाम सामने आया है. 31 दिसंबर 2018 को अंतिम सूची के प्रकाशन के बाद देश के लिए एक ऐसा उन्माद और सरदर्द बनकर उभरेगा, जिससे निपट पाना बहुत ही मुश्किल होगा. उन्होने केंद्र सरकार से तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाकर इसके संबंध में आवश्यक प्रभावी सुधारात्मक कार्रवाई करने की मांग की है.
मायावती ने बीजेपी पर बड़ा हमला करते हुये कहा कि इस मामले में सब कुछ न्यायलय पर थोपना गलत है क्योंकि बीजेपी की सरकार पवित्र व न्यायलय के आदेशों की कितनी अवहेलना करती है यह आज सारा देश देख रहा है. उन्होने कहा कि ताजा मामला न्यायधीशों की नियुक्ति व ताजमहल को संरक्षित रखने का है, जिसके संबंध में सुप्रीम कोर्ट को बार-बार बीजेपी सरकारों को फटकार लगानी पड़ रही है.