लुधियाना, मजदूर, युवा व छात्र संगठनों ने पंजाब के किसान संगठनों के तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ 25 सितंबर के पंजाब बंद के आह्वान को अपने समर्थन की घोषणा आज की।
कारखाना मज़दूर यूनियन, नौजवान भारत सभा, टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन, पेंडू मज़दूर यूनियन व पंजाब स्टूडेंटस यूनियन (ललकार) की ओर से संगठनों के नेताओं राजविंदर, छिंद्रपाल व सुखदेव भूंदड़ी ने संयुक्त बयान जारी करते हुए इस आह्वान के समर्थन का ऐलान किया है।
संगठनों के नेताओं के अनुसार यह तीन कृषि अध्यादेश नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से हालांकि जनहित के दावे करते हुए लाए जा रहे हैं लेकिन वास्तव में इनका जनहित से कोई लेना-देना नहीं है। यह कानून पूंजीपति वर्ग को मुनाफे के तोहफे देने के लिए लाए जा रहे हैं।
संगठनों का आरोप है कि इन कृषि कानूनों के तहत अनाज की सरकारी खरीद बंद करने के लिए सरकार बड़ा जन-विरोधी कदम उठाने जा रही है। इसके अलावा सावर्जनिक वितरण प्रणाली के खात्मे की ओर यह घोर जन-विरोधी कदम है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अनाज मंडियों के खत्म होने से बड़े स्तर पर मज़दूर बेरोज़गार होंगे और पहले ही बेरोज़गारी आसमान छू रही है, इसके बाद हालत और भी भयानक हो जाएगी।