लखनऊ, उत्तर प्रदेश के हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार से आखिरकार मीडिया को मिलने की अनुमति मिल गई.
आज हाथरस पीड़िता के गांव में मीडियाकर्मी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहुंचे. परिवार ने डीएम प्रवीण कुमार पर धमकाने का आरोप लगाया है. पीड़ित परिवार ने बताया कि डीएम ने उनसे कहा कि तुम्हारे खाते में 25 लाख रुपये आ गए हैं अब चुप हो जाओ. अगर तुम्हारी बेटी कोरोना से मरती तो मुआवजा नहीं मिलता.डीएम ने परिवार से कहा कि पोस्टमार्टम हुई बॉडी को देख लोगे तो खाना नहीं खा पाओगे.
पीड़ित परिवार ने यूपी पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है. पीड़िता की बहन ने खुलासा किया है कि पुलिसवाले हमारे घर पर भी बैठते हैं और आरोपियों के घर पर भी बैठते है. ऐसे में हमें यूपी पुलिस पर बिल्कुल भरोसा नहीं है.
परिवार का कहना है कि हम अस्थियां चुनने इसलिए नहीं जा रहे कि हमें क्या पता कि हमारी बेटी का शव था या किसी और का, हमें चेहरा तो दिखाया नहीं गया. पीड़िता के परिवार ने कहा कि पुलिस को ये बताना चाहिए कि उन्होंने किसको जलाया है. पीड़िता के परिवार ने कहा कि पुलिस ने किसके कहने पर हमारी बेटी को जलाया है.
पीड़िता के भाई ने बताया कि हम पर प्रेशर बनाया गया. उन्होंने कहा कि प्रशासन कह रहा है लड़की के साथ कुछ नहीं हुआ, अगर ऐसा है तो हमारी बहन की मौत कैसे हुई और उसकी बॉडी हमें क्यों नहीं दी गई.
पीड़िता के परिवार ने बताया कि हमें डराया धमकाया गया. किसी से बात नहीं करने दी. बाहर नहीं निकलने दिया. हम सभी का फोन सर्विलांस पर डाला गया है.उन्होंने ये भी कहा कि मीडिया को इजाजत देना प्रशासन की एक चाल है.
परिवार ने खुलासा करते हुए बताया कि कल घर में कोई SIT की टीम नहीं आई. सिर्फ पुलिस घर पर आई थी. हमें किसी ने घर से बाहर नहीं निकलने दिया. प्रशासन ने एसआईटी के नाम पर मीडिया को परिवार से मिलने से रोका था.