नई दिल्ली, यूरोपीय संघ की टीम कश्मीर का दौरा करने के लिए भारत आई है.
30 सदस्यीय इस टीम की यात्रा अनौपचारिक है और उन्होंने खुद इस कार्यक्रम की तैयारी की है.
इस दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा मुफ्ती के ट्विटर अकाउंट पर लिखा गया कि ‘कश्मीर और दुनिया के बीच का लोहे का पर्दा उठेगा.’
इसके साथ ही लिखा गया कि ‘जम्मू-कश्मीर को अशांति में धकेलने’ के लिए भारत सरकार को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. उम्मीद है कि
उन्हें डॉक्टर, लोकल मीडिया और सिविल सोसाइटी के लोगों से मिलने का मौका मिलेगा.
यूरोपीय संघ के सदस्यों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की.
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपियन संघ की टीम को संबोधित करते हुये कहा कि ‘आतंकवादियों का समर्थन या ऐसी गतिविधियों
और संगठनों का समर्थन करने वाले या राज्य की नीति के रूप में आतंकवाद का उपयोग करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी
चाहिए.
आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेन्स की नीति होनी चाहिए.’
पीएम ने कहा कि ‘निष्पक्ष और संतुलित द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौते का जल्द समापन मेरी सरकार की प्राथमिकता है.
पीएम ने उम्मीद जताई कि यूरोपीय संघ के सदस्यों का जम्मू-कश्मीर सहित भारत का ये दौरा उपयोगी साबित है.
पीएम ने कहा कि क्षेत्र के विकास और शासन की प्राथमिकताओं का एक स्पष्ट दृष्टिकोण देने के अलावा इस दौरे से प्रतिनिधिमंडल को क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता की बेहतर समझ मिलेगी.
Hope they get a chance to speak to the people, local media, doctors and civil society members. The iron curtain between Kashmir & the world needs to be lifted and GOI must be held accountable for pushing J&K into turmoil https://twitter.com/ashishsinghlive/status/1188715448063315968 …