‘मीटू’ अभियान मे पूर्व मंत्री एम जे अकबर पर, प्रिया रमानी का बड़ा आरोप
August 23, 2019
नयी दिल्ली, पत्रकार प्रिया रमानी ने दिल्ली की एक अदालत से शुक्रवार को कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर ने अपने खिलाफ यौन शोषण के अनुभवों के बारे में बोलने वाली सभी महिलाओं में भय पैदा करने के लिए उनके खिलाफ ‘‘झूठा और दुर्भावनापूर्ण मुकदमा’’ दायर किया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन महिलाओं ने कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न का अनुभव किया, उन्हें अब सच बोलने के लिए आपराधिक मुकदमे में खुद का बचाव करना होगा।’’ ‘मीटू’ अभियान के दौरान अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली रमानी ने कहा कि उन्होंने ‘‘जनहित में सच’’ बोला था।
अकबर ने भारत में ‘मीटू’ अभियान के जोर पकड़ने पर सोशल मीडिया में उनका नाम सामने आने के बाद रमानी के खिलाफ निजी आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी। उन्होंने इन आरोपों के चलते पिछले साल 17 अक्टूबर को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
रमानी ने अदालत में कहा, ‘‘शिकायतकर्ता ने मेरे खिलाफ झूठा मामला दायर किया। उन्होंने अपने खिलाफ गंभीर शिकायतों से ध्यान बंटाने के लिए मुझे जानबूझकर निशाना बनाया। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह मुझे धमकाने की कोशिश है। जानबूझकर मुझे निशाना बनाकर शिकायकर्ता अपने खिलाफ यौन शोषण के गंभीर आरोपों और जन आक्रोश से ध्यान हटाना चाहता है।’’ रमानी ने एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल को बताया कि उनके पूर्व बॉस अकबर के खिलाफ उनके आरोप ‘‘वास्तविक’’ और ‘‘सच्चे’’ हैं। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2017 में अमेरिका में ‘मीटू’ अभियान ने अनगिनत महिलाओं का कार्यस्थल पर यौन शोषण के अपने अनुभव साझे करने का हौसला बढ़ाया।
महिला पत्रकार ने कहा, ‘‘उस संदर्भ में मैंने वॉग को लेख लिखा जहां मैंने पुरुष बॉस के साथ कई महिलाओं के अनुभवों के बारे में बात की। मैंने अपनी कहानी की शुरुआत एम जे अकबर के साथ अपने अनुभव से की लेकिन उनका नाम नहीं लिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक साल बाद जब ‘मीटू’ अभियान भारत तक पहुंचा और मीडिया उद्योग की कई महिलाओं ने यौन शोषण के अपने अनुभव बताने शुरू किए तो एक वरिष्ठ पत्रकार के तौर पर मुझे लगा कि गोपनीयता से पर्दा उठाना मेरी जिम्मेदारी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने वॉग लेख में उस संपादक का नाम उजागर करने का फैसला किया। मैंने जनहित में सच कहा।’’ अदालत अब इस मामले पर सात सितंबर को सुनवाई करेगी। रमानी ने अकबर पर 20 साल पहले यौन शोषण करने का आरोप लगाया जब वह एक पत्रकार थीं। हालांकि अकबर ने इन आरोपों से इनकार कर दिया।