नयी दिल्ली, अपनी मांगोें के समर्थन में लाखोंं पेंशनर सात दिसंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ मार्च करेंगे.
सेवानिवृत कर्मचारियों के संगठन‘ ईपीएस 95 नेशनल एक्शन कमेटी’ के राष्ट्रीय संयोजक एवं अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत(सेवानिवृत) ने जंतर मंतर पर धरना दे रहे हजारों पेंशनभोगियों को संबोधित करते हुए कहा कि पेंशनराें के छह दिसंबर को भीकाजी कामा पर प्रस्तावित आंदोलन पर पटियाला हाऊस अदालत के रोक लगाए जाने से साफ हो गया है कि ईपीएफओ इन पेंशनरों का सामना करने से डरती है।
श्री राऊत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न्यूनतम पेंशन एक हजार रूपए देने का वादा किया था लेकिन 28 लाख पेंशनरों को यह कभी नहीं मिली है।
अपनी मांगोें के समर्थन में लाखोंं पेंशनर अब सात दिसंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ मार्च करेंगे और रामलीला मैदान पर ‘रास्ता रोको अभियान’ का आयोजन किया जाएगा।
सेवानिवृत कर्मचारियों के संगठन‘ ईपीएस 95 नेशनल एक्शन कमेटी’ ने कहा है कि भविष्य निधि कर्मचारी संगठन एक धोखेबाज संस्था है जिसने पेंशनरों की कमाई को लूटकर वृद्धों को मरने के लिए छोड़ दिया है और प्रत्येक वर्ष 75 हजार से अधिक पेंशनर्स अपनी पेंशन का इंतजार करते हुए मर जाते हैं।
उन्होंने कहा कि ईपीएफओ के पास हर साल एक लाख करोड़ रूपए जमा होते हैं और इसके खाते से हर साल पेंशन पर खर्च होने वाली राशि चार लाख 12 हजार करोड़ रूपए खर्च होते हैं।
सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार 29 अक्टूबर 2018 तक देश में सेवानिवृत कर्मचारियों की संख्या 63,28,240 थी और 31 मार्च 2018 तक ईपीएफओ का पेंशनर्स कार्प्स फंड़ 13,33,225 करोड़ रूपए था जिस पर सालाना ब्याज 30 हजार करोड़ रूपए प्राप्त हाेता है और केन्द्र सरकार के पास 43 हजार करोड़ रूपए की राशि जमा है जिस पर कोई दावा नहीं किया गया है।
उन्हाेंने कहा कि भीकाजा कामा पर प्रदर्शन करने से क्या हम किसी को नुकसान पहुंचा सकते थे और 70 वर्ष का बुजुर्ग उन्हेंं क्या नुकसान पहुंचा सकता है।