द्वारका, जाने माने राम कथाकार मोरारी बापू भगवान श्रीकृष्ण और उनके वंशजों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के कारण पिटते पिटते बच गये। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। द्वारकाधीश श्रीकृष्ण पर अभद्र टिप्पणी से यादव समाज मे मोरारी बापू को लेकर जबर्दस्त आक्रोश था।
गुजरात के ही भावनगर के महुवा इलाके के मूल निवासी श्री बापू का एक वीडियो सोशल मीडिया में कुछ ही समय पहले वायरल हुआ था जिसमें वह भगवान कृष्ण और दाउ बलराम के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करते हुए नजर आ रहे थे। जिसको लेकर उनके संवाददाता सम्मेलन के दौरान भाजपा के दिग्गज नेता तथा पूर्व विधायक पबुभा माणेक ने कथित तौर पर उन पर हमले का प्रयास किया।
एक कथा के दौरान मोरारी बापू ने भगवान श्रीकृष्ण और उनके वंशजों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। बापू ने द्वारकाधीश श्रीकृष्ण के भाई बलराम को शराबी कहा था और साथ ही कृष्ण के द्वारका में राज को फेल बताया था। इसका वीडियो वायरल हो गया था, जिससे यादव समाज में मोरारी बापू को लेकर खासा रोष व्याप्त था। अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा ने मोरारी बापू से माफी मांगने के लिये कहा था। इस बात की जानकारी मिलते ही मोरारी बापू ने एक और वीडियो सोशल मीडिया में जारी कर सभी श्रीकृष्ण भक्तों से माफ़ी मांगी थी।
लेकिन इससे यादव समाज और कृष्ण भक्त संतुष्ट नही थे। इसको लेकर कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने मांग की थी कि वह द्वारका के मुख्य जगत मंदिर में जाकर दर्शन करे और माफी मांगे। इसी सिलसिले में मोरारी बापू आज द्वारका माफी मांगने आए थे। मंदिर में दर्शन करने के बाद जब मोरारी बापू संवाददाता सम्मेलन कर रहे थे तभी अचानक पूर्व विधायक पबुभा माणेक उनकी ओर दौड़ पड़े। श्री बापू के साथ उपस्थित भाजपा की ही यादव सांसद पूनम माडम और अन्य लोगोें ने बीच-बचाव कर श्री माणेक को रोका। जिससे श्री माणेक मोरारी बापू को पीट तो नही पाये लेकिन उन्होने जमकर गाली गलौज की। इसके बाद श्री मोरारी बापू वहां से निकल गये।
ज्ञातव्य है कि सात बार स्थानीय विधायक रहे पबुभा माणेक को खासा दिग्गज नेता माना जाता है। वह विधान सभा चुनाव जीते थे पर उनके नामांकन भरने में तकनीकी गड़बड़ी को लेकर अदालत में जारी याचिका के आधार पर कुछ माह पूर्व उनकी सदस्यता रद्द हो गयी थी। पबुभा माणेक के खिलाफ कांग्रेस के प्रत्याशी रहे अहीर मेरामन मर्खी ने ही इस मामले को गुजरात हाईकोर्ट में उठाया था। अहीर की दलीलों को मंजूर करते हुए गुजरात हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय ने दिसंबर 2017 में द्वारका सीट के लिए हुए चुनाव को रद्द कर दिया था।