जोहानिसबर्ग, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और भारत सहित तमाम देश कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। यह महामारी पूरी दुनिया में अब तक छह लाख से अधिक लोगों की जान ले चुकी है।
हांगकांग में कोविड-19 का प्रकोप फिर शुरू होने का अंदेशा है जिसके चलते वहां चेहरे ढकने को लेकर नए नियम जारी किए गए हैं जो और सख्त हैं।
जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि संक्रमण के हर रोज पहले से अधिक मामले सामने आ रहे हैं।
पोप फ्रांसिस ने कहा ‘‘वैश्विक महामारी की रफ्तार कम होने के कोई संकेत नहीं हैं।’’
कोविड-19 के सर्वाधिक मामले अमेरिका में हैं। दक्षिण अफ्रीका पांचवां सर्वाधिक प्रभावित देश है जहां 3,50,000 से अधिक मामले हैं।
भारत में संक्रमण के मामले दस लाख से अधिक हो चुके हैं। रविवार को यहां 24 घंटे के भीतर कोरोना वायरस संक्रमण के 38,902 नए मामले सामने आए।
दूसरी ओर, यूरोपीय संघ के नेताओं ने 2,100 अरब डॉलर के अभूतपूर्व बजट और कोरोना वायरस राहत निधि संबंधी एक समझौते पर अंतिम सहमति न बनने के कारण अपने शिखर सम्मेलन की अवधि शनिवार को एक और दिन के लिए बढ़ा दी।
यह शिखर सम्मेलन शनिवार को खत्म होना था, लेकिन नेताओं के बीच अभी और बातचीत होनी बाकी है क्योंकि वे कई वर्षों के सबसे कठोर संकट का सामना कर रहे हैं।
जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के मुताबिक कोविड-19 के कारण दुनियाभर में 6,02,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। सर्वाधिक 1,40,000 से अधिक लोगों की मौत अमेरिका में हुई है। ब्राजील में मरने वालों की संख्या 78,000, ब्रिटेन में 45,000 और मेक्सिको में 38,000 है।
दुनियाभर में संक्रमण के 1.42 करोड़ से अधिक मामले हैं जिनमें से 37 लाख अकेले अमेरिका में हैं। ब्राजील में संक्रमण के बीस लाख से अधिक मामले हैं और भारत में संक्रमण के मामले दस लाख को पार कर गए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि दुनियाभर में संक्रमण के मामलों की संख्या जांच की कमी तथा डेटा संग्रह संबंधी मुद्दों के कारण वास्तव में अधिक हो सकती है।
अमेरिका के फ्लोरिडा, टेक्सास, एरिजोना में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं जिसका दोष जल्दबाजी में लॉकडाउन खत्म करने और मास्क नहीं पहनने की कुछ अमेरिकियों की जिद को दिया जा रहा है।
हांगकांग में सभी सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है तथा गैर जरूरी सेवाओं के कर्मियों को घर से काम करने को कहा गया है।
ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में मामले फिर बढ़ गए हैं। इसलिए मेलबर्न तथा नजदीकी मिशेल में लोगों को घरों से बाहर निकलने पर मास्क पहनना आवश्यक बना दिया गया है। मास्क नहीं पहनने वालों पर 200 ऑस्ट्रेलियायी डॉलर का जुर्माना लगाया जाएगा।