मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश के सीतापुर जेल में बंद आजम खां काे पेशी के लिये मुरादाबाद लाया गया।
सीतापुर से बंदी वाहन से लाए गए रामपुर सीट से सांसद आजम खां एडीजे द्वितीय मुरादाबाद की अदालत में पेशी थी। अदालत ने अगली सुनवाई के लिये अब 24 अगस्त की तारीख नियत की है।
श्री खां यहां बारह साल पुराने मामले में अदालत में पेशी के लिए ले जाते समय पैर लडखडाने से गिरते गिरते बच गये।
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां की पेशी के समय पुलिस ने अधिवक्ताओं को अदालत से बाहर ही रोक दिया। इसे लेकर पुलिस और अधिवक्ताओं में नोकझोंक हुई।
वकीलों का आरोप है कि एक व्यक्ति की पेशी की वजह से अधिवक्ताओं को अदालत के बाहर नहीं रोका जाना चाहिए।
पुलिस अधीक्षक(देहात) विद्यासागर मिश्रा तथा पुलिस अधीक्षक(नगर) अमित कुमार आनंद द्वारा अधिवक्ताओं को समझा कर शांत किया। इस बीच विधायक हाजी इकराम कुरैशी, विधायक फहीम इरफान, जिला अध्यक्ष जयवीर सिंह यादव, पूर्व विधायक समर पाल सिंह और अनीस उर रहमान भी कचहरी पहुंच गए। पुलिस ने किसी को भी अदालत के अंदर जाने की इजाज़त नहीं दी।
गौरतलब है कि वर्ष 2008 में सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पकड़ लिया था। इसकी सूचना आजम खां को मिली तो वह भी मुरादाबाद देहात क्षेत्र के कांठ तहसील इलाके में पहुंच गए थे। इस दौरान उनके साथ उनके बेटे अब्दुल्ला भी थे। पुलिस की कार्रवाई के विरोध में आजम खान आदि ने रोड पर जाम लगा दिया था। बाद में पुलिस ने इस मामले में नौ नामजद समेत अन्य पर मुकदमा दर्ज किया था। बारह साल पुराने हाईवे जाम और बवाल के मामले में आरोपी आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की एडीजे दो/ एमपी-एमएलए स्पेशल अदालत में शुक्रवार बारह बजे पेशी हुई। इस प्रकरण में आजम की पेशी की चलते कचहरी परिसर छावनी में तब्दील हो गया। चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात रही।अदालत में श्री आजम खान की पेशी के चलते सुरक्षा घेरा कड़ा कर दिया गया है। इसे लेकर पुलिस और वकीलों में नोकझोंक भी होती रही। इस दौरान कचहरी परिसर में हंगामा का माहौल बना रहा।