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भ्रष्टाचार पर सांसद का अजीब बयान, यूपी बहुत बड़ा उस अनुपात में भ्रष्टाचार बहुत छोटा

लखनऊ,  एक लीटर दूध मे एक बाल्टी पानी मे मिला बच्चों को पिलाया, तो बीजेपी सांसद का अजीब बयान सामने आया है।

चोपन विकास खंड के कोटा ग्राम्य पंचायत के सलईबनवा प्राथमिक विद्यालय में मैन्यू के अनुसार बुधवार को तहरी और दूध देना था। एक लीटर दूध को 85 बच्चों में बांटने के लिए इसमें एक बाल्टी पानी मिला दिया गया। मामले का पता चलने पर स्कूल प्रभारी पहले तो अपनी जिम्मेदारी से बचते दिखाई दिये। फिर बहाने बनाते नजर आए। इलाके के खंड शिक्षा अधिकारी ने माना कि शिकायत मिली है, जांच के बाद कार्रवाई होगी।

लेकिन बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी कहती हैं कि यूपी बहुत बड़ा है। उस अनुपात में भ्रष्टाचार बहुत छोटा है। रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि “लखनऊ जैसी जगहों पर जहां मिड डे मील अक्षय पात्र बनता है, वहां इस तरह की समस्या नहीं आती हैं। लेकिन प्रदेश में उन जगहों पर जहां इस तरह के सेंट्रलाइज़्ड किचन की व्यवस्था नहीं है, कई तरह की शिकायतें मिलती रहती हैं। इसलिए कोशिश यह हो रही है कि इस व्यवस्था को और आगे बढ़ाया जाए।”

 लोकसभा में बीजेपी सांसद भारती प्रवीण पवार के एक सवाल के जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरयाल ने जवाब दिया कि तीन साल के दौरान देश भर में मिड डे मील में भ्रष्टाचार की 52 शिकायतें मिलीं। इनमें यूपी की 14, बिहार की 11, पश्चिम बंगल की 6, महाराष्ट्र की 5, राजस्थान की 4,असम, दिल्ली, हरियाणा की 2-2 और छत्तीसगढ़, झारखंड,ओडिशा,पंजाब, त्रिपुरा और उत्तराखंड की एक-एक शिकायतें हैं।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की इस जानकारी पर तीखी प्रतिक्रियाएं हुई हैं. प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया कि “एमएचआरडी की रिपोर्ट कह रही है कि मिड डे मील में भ्रष्टाचार के मामले में यूपी नंबर 1 पर है। उत्तर प्रदेश के मुखिया रोज़ रोज़ ढोल पीटते हैं कि यह एक्शन हुआ, वो एक्शन हुआ…लेकिन असल में केवल दिखावा हो रहा है. सारा भ्रष्टाचार यूपी सरकार की नाक के नीचे हो रहा है।

बसपा के सांसद के मलुक नागर ने फ़ौरन इसकी जांच करने की मांग की है।

मिड-डे-मील के बुधवार के मेन्यू के अनुसार बच्चों को तहरी और 150 एमएम दूध दिया जाना था। सलईबनवा प्राथमिक विद्यालय में 171 बच्चों का पंजीकरण है। बुधवार को 85 बच्चे स्कूल आए थे। इन 85 बच्चों के लिए केवल एक लीटर दूध भेजा गया। बच्चों को लगे कि वह एक-एक गिलास दूध पी रहे हैं, इसलिए एक लीटर दूध में एक बाल्टी पानी में मिलाकर सभी बच्चों में बांट दिया गया। अगर सभी 171 बच्चे आए होते तो शायद एक की जगह दो या तीन बाल्टी पानी मिलाया जाता।

स्कूल में मौजूद रही इलाके के ग्राम्य पंचायत वार्ड सात की सदस्य देव कलिया का कहना है कि हमेशा इसी तरह बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किया जाता है।आदिवासी क्षेत्र के बच्चे चुपचाप पानी वाले दूध को पी जाते हैं। कई बार इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई लेकिन सुनवाई नहीं हुई।