अपर्णा यादव ने फैसला लिया है कि वे बद्रीनाथ मंदिर के लिए दुर्लभ प्रजाति की चंवर गाय दान करेंगी.अपर्णा यादव का मानना है कि अगर रोज सुबह भगवान बद्रीनाथ का दुग्धाभिषेक चंवर गाय के दूध से हो तो बहुत यह बहुत शुभ है.इसलिए उन्होंने चंवर गाय दान करने का फैसला लिया है. अपर्णा चाहती हैं कि बदरीनाथ मंदिर में हर सुबह होने वाला भगवान का दुग्धाभिषेक चंवर गाय के दूध से हो. चंवर गो वंश की प्रजातियों में से एक है.
गो वंश की प्रजातियों में चंवर को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है, क्योंकि विषम व विकट परिस्थितियों में भी वह मैली चीज नहीं खाती. वेद-पुराणों में इस गाय के बारे में कहा गया है कि वह अपने प्राण त्याग देती है, पर चारे की पवित्रता और शुद्धता के साथ समझौता नहीं करती है. इसीलिए चंवर को ‘ऋषि गाय’ भी कहा जाता है. बदरीनाथ धाम के इतिहास में इस बात का जिक्र है कि सदियों से बदरी विशाल का दुग्धाभिषेक चंवर गाय के दूध से ही किया जाता रहा है. अपर्णा की पहल पर श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने चंवर गाय को खरीदने की कवायद शुरू कर दी है.
श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह का कहना है कि बदली परिस्थितियों में चंवर गाय अब दुर्लभ श्रेणी में पहुंच चुकी है. ऊंचाई वाले इलाकों में ही जीवित रहने वाली यह गाय अब लेह-लद्दाख में पाई जाती है. लद्दाख से तीन चंवर गाय व दो बैल खरीदे जा रहे हैं. एक चंवर की कीमत 30 हजार और याक की 50 हजार है. यह सौदा कुल एक लाख 90 हजार रुपये में तय हुआ है. बदरीनाथ में स्थित ‘संत कुटी’ परिसर में इनके लिए गौशाला का निर्माण पूरा कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि चंवर को खरीदने और लद्दाख से बदरीनाथ धाम तक पहुंचाने तक का पूरा खर्च अपर्णा यादव उठाएंगी.