दलित छात्र की हत्या से क्षुब्ध अखिलेश यादव का इलाहाबाद कार्यक्रम स्थगित, योगी से पूछा ये सवाल?
February 13, 2018
लखनऊ , दलित छात्र की हत्या से क्षुब्ध, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने, अपना पूर्व निर्धारित इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ उद्घाटन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। अखिलेश यादव ने इलाहाबाद में दलित छात्र की हत्या को बेहद दुःखद बताते हुए योगी सरकार से सवाल किया है कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में गरीब, पिछड़े और दलित अपराधियों के शिकार क्यों बन रहे हैं। उन्होने मृतक के परिजनों को 50 लाख रूपये का मुआवजा देेने की भी मांग की है।
14 फरवरी को इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ का उद्घाटन होना था। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि अखिलेश यादव को शामिल होना था। लेकिन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के ही LLB के दलित छात्र दिलीप सरोज की दबंगों द्वारा बेरहमी से कूच-कूच कर पीटने से मौत की घटना से क्षुब्ध होकर अखिलेश यादव ने अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया है।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है, उत्तर प्रदेश अपराधियों के हवाले है। जहां एक ओर अपराधी बेखौफ घटनाएं कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर पुलिस मुठभेड़ की आड़ में निर्दोषों को ठिकाने लगाने में जुटी है। अखिलेश यादव ने आज जारी बयान में कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विधि स्नातक के छात्र दिलीप सरोज की इलाहाबाद के कर्नलगंज थाना के कटरा स्थित कालका रेस्टोरेन्ट में दबंगों द्वारा बेरहमी से कूच-कूच कर पीटने से मौत की घटना इस बात का प्रमाण है कि सरकार की कानून व्यवस्था ध्वस्त है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के दस महीने के कार्यकाल में पूरे प्रदेश में जंगलराज कायम है। पिछले दिनों में मेरठ में महिला और उसके बेटे की दिनदहाड़े हत्या के बाद बुलंदशहर में दूध वाले को पीट-पीट कर घायल किया जाना, बरेली में तीन हत्या, नोएडा में पुलिस द्वारा हत्या, संगम नगरी में भूसा व्यापारी की हत्या जैसी घटनाओं से यह साबित हो रहा है कि बदमाश बेखौफ हो गये हैं।
अखिलेश यादव ने कहा है कि कोई घण्टा ऐसा नहीं बीतता जब राज्य में किसी न किसी कोने में आपराधिक घटना न घटती हो। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के मंत्रीगण कानून का पालन नहीं कर रहे हैं और अलोकतांत्रिक आचरण करते हुये स्तरहीन भाषा बोलते हैं। प्रदेश सरकार द्वारा विपक्ष पर आक्षेप किया जाना लोकतंत्र पर हमला है। शीर्ष नेतृत्व द्वारा समाजवाद पर हमला संविधान पर हमला है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार रागद्वेष के आधार पर आचरण कर रही है। आम नागरिक वर्तमान शासन व्यवस्था से आतंकित हैं। भाजपा कार्यकर्ता थानों पर हमला कर रहे हैं। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में गरीब, पिछड़े और दलित अपराधियों के शिकार बन रहे हैं। एक साल होने को है विकास तो छोड़िये कानून-व्यवस्था कायम करने में ही राज्य सरकार पूरी तरह विफल है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य सरकार से मांग की है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मृतक छात्र के परिवार को 50 लाख रूपए का मुआवजा दिया जाये।