नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति किसी सरकार की नहीं बल्कि देश की होती है और 30 साल बाद पहली बार देश की आकांक्षाओं से जुड़ी नीति बनाई गई है।
श्री मोदी ने सोमवार को नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन में कहा कि सरकार की ओर से बीते दिनों ही नयी शिक्षा नीति का ऐलान किया गया है, जिसपर अभी भी मंथन जारी है। देश के लक्ष्यों को शिक्षा नीति और व्यवस्था के जरिए ही पूरा किया जा सकता है। उन्होंने जोर दिया कि शिक्षा नीति में सरकार का दखल कम होना चाहिए क्योंकि शिक्षा नीति से जितना अधिक शिक्षक अभिभावक और छात्र छात्राएं जुड़ेगी उतनी ही इसकी प्रासंगिकता बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति को तैयार करने में लाखों लोगों से बात की गई, जिनमें छात्र-शिक्षक-अभिभावक सभी शामिल थे। विविधता से भरे मंथन के बाद अमृत निकला है और यही वजह है कि देशभर में इस नीति का स्वागत किया जा रहा है। देश के लोगों में यही भावना है कि वह शिक्षा नीति में यही सुधार देखना चाहते थे जो अब पूरा हुआ है। आज हर किसी को ये नीति अपनी लग रही है, जो सुझाव लोग देखना चाहते थे वो दिख रहे हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाले इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री, राज्यपाल, उपराज्यपाल और विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हुए।