लखनऊ,आज लखनऊ के प्रेस क्लब में पिछड़े दलित अल्पसंख्यक पिछड़ी जातियों के सामाजिक संगठनों के राष्ट्रीय/प्रान्तीय पदाधिकारियों की एक संयुक्त बैठक में सर्व सेवा प्रमुख राष्ट्रीय सेवा प्रतिनिधि संघ के अध्यक्ष पटेल ज्ञान सिंह ने कहा कि पूरे देश में पिछड़े/ दलित/ अल्पसंख्यक पिछड़ी जातियों की सबसे ज्यादा आबादी 87 प्रतिशत है और सबसे ज्यादा वोट भी है. लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय मंत्रीपरिषद सहित हर जगह पिछड़े, दलितों की भागीदारी न के बराबर है.
उन्होनें कहा कि वर्ष 2014 जब से केन्द्र और प्रदेश में भाजपा सरकार बनी तब से पिछेड़े/ दलितों के हक, अधिकारों पर डकैती डाली जा रही है. क्रीमीलेयर के नाम पर सैकड़ों आई.ए.एस. बच्चों को ट्रेनिंग में नहीं भेजा गया. यूनिवर्सिटी, डिग्री कॉलेजों आदि में कुछ सवर्ण जाति विशेष कि प्रोफेसर पद पर नियुक्तियां की गई. सरकार पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक पिछड़ी जातियो का सामाजिक न्याय हित सुरक्षित नहीं है.खुलेआम जंतर मंतर दिल्ली में जहां देश के सर्वोच्च संवैधानिक लोकतंत्र के रक्षक राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मुख्य न्यायाधीश रहते हैं वहा पर देश का संविधान जला दिया जाता है और इस देशद्रोही कुकृत्य पर सभी चुप है. देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में है सरकार से हमारी स्वेतपत्र जारी किये जाने की मांग है कि संस्थावार सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों की संख्या क्या है..? और भाजपा के सत्ता में आने के बाद सवर्णो पिछड़ा दलितों अल्पसंख्यक पिछड़ों को कितनी भागीदारी दी गई..? जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर, राज्यपाल आदि के पदों को भी समित किया जाए.
ज्ञान सिंह ने कहा कि जब से यह सरकार बनी तब से धार्मिक पाखंड अन्धविश्वास ज्यादा बढ़ गया. मोदी और योगी दोनों इसको हवा दे रहे हैं. मंदिर में जाना इनकी निजी आस्था है लेकिन इस को प्रसारित करवाने के लिए मीडिया को लगाना 100% अंधविश्वास को बढ़ावा देना है .इसके कारण ही पिछले, दलितों का सदियों शोषण हुआ है क्योंकि अशिक्षा के कारण यह समाज कर्म को नहीं बल्कि मंदिर में पूजा अर्चना दर्शन आदि को अपना भाग्य बैठा है .धर्म में वैज्ञानिकता कि सोच अति आवश्यक है.
उन्होने सबरीमाला और मंदिर निर्माण पर कहा कि मोहन भागवत के बयान से सिद्ध हो गया है कि संविधान और न्यायालय से ये लोग अपने को ऊपर मानते हैं. मनुवाद से देश को चलाना चाहते हैं. मनुवाद और जातिवाद को पिछड़ा का दलितों पर जबरन लादना चाहते हैं. पिछले 4 सालों के भाजपा आरएसएस अपना असली मुखौटा दिखा दिया है. पिछड़े,दलित अब इनके झांसे में आने वाले नहीं है .
आज इस बैठक में मुख्य रूप से सर्वश्री रमनरेश कुशवाहा संरक्षक उत्तर प्रदेश कुशवाहा महासभा , भवन नाथ पासवान राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आंबेडकर राष्ट्रीय एकता मंच,पटेल ज्ञान सिंह सर्वसेवा प्रमुख राष्ट्रीय सेवा प्रतिनिधि संग, महादेव प्रसाद मुख्य कार्यकर्ता जागरुक समाज संघ, पी.सी. कुरील-राष्ट्रीय संयोजक राष्ट्रीय भागीदारी आंदोलन, अवधेश सिंह-प्रदेश अध्यक्ष पटेल प्रतिनिधि सभा,विजय वर्मा- अध्यक्ष लोधी महासभा, सुधीर यादव -प्रदेश महामंत्री यादव महासभा, जवाहर लाल बघेल-अध्यक्ष बघेल पाल महासभा उत्तर प्रदेश, मोहन सिंह गूजर महासभा उत्तर प्रदेश, जगजीवन पाल-अध्यक्ष पाल महासभा, विक्रम सिंह पवार- संरक्षक जाट महासभा, त्र्रषि चौरसिया- प्रदेश अध्यक्ष चौरसिया महासभा, मोहम्मद अब्दुल चिस्ती -अध्यक्ष सूफी सेवा समिति उत्तर प्रदेश आदि उपस्थित थे.