जयपुर, राजस्थान में पिछले पांच दिनों से लगातार कोरोना संक्रमण मरीजों की संख्या बढ़ने से इसके ठीक होने वाले मरीजों की दर में करीब एक प्रतिशत की कमी आई है।
राज्य में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर अच्छी है और इससे पहले प्रदेश में यह 58 प्रतिशत से अधिक थी जो गत 13 मई से प्रत्येक दिन दो सौ से अधिक नए मामले सामने आने से इन दिनों में सोमवार सुबह तक
बारह सौ से अधिक नए मामले सामने आ गये, जिससे ठीक होने वाले मरीजों की दर घटकर 57.43 पर आ गई।
चिकित्सा विभाग की सुबह नौ बजे प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सुबह 140 नये मामले सामने आए, जिससे इसके मरीजों की संख्या बढ़कर 5342 पहुंच गई। इनमें अब तक 3068 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि 2666 को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी हैं।
राज्य में राजधानी जयपुर तथा जोधपुर के बाद उदयपुर एवं डूंगरपुर सहित कुछ जिले ऐसे हैं जहां पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मरीजों के मामले सामने आ रहे हैं जिसका इसके ठीक होने की दर पर असर पड़ा है। डूंगरपुर में सुबह सर्वाधिक 64 नये मामले सामने आए, जिससे वहां मरीजों की संख्या बढ़कर 124 पहुंच गई। इसी तरह उदयपुर में 15 नये मामलों के साथ मरीजों की संख्या 395 हो गई। कोरोना पर नियंत्रण पाने में अन्य के लिए माॅडल बने भीलवाड़ा में 22 नये मामले सामने आने से वहां इनकी संख्या बढ़कर 77 पहुंच गई।
उदयपुर एवं डूंगरपुर के अलावा पाली 128 एवं जालोर में 72 तथा राजसमंद में 45 मरीज हैं जहां मरीजों के ठीक होने की दर बहुत कम है। उदयपुर में केवल 12 मरीज ठीक हुए हैं जबकि तीन को अस्पताल से छुट्टी मिली है। डूंगरपुर में अब तक मात्र पांच मरीज स्वस्थ हुए हैं तथा राजसमंद में आठ एवं पाली में 45 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि जालौर में केवल एक मरीज स्वस्थ हुआ है।
हालांकि राज्य में सर्वाधिक करीब सोलह सौ मरीजों वाले जयपुर में अब तक 916, जोधपुर में एक हजार से अधिक मामलों में 749, कोटा में 326 में 230, अजमेर में 255 में 169, नागौर में 174 में 115, टोंक में 147 में 437, चित्तौड़गढ़ में 154 में 102 एवं भरतपुर में 123 मामलों में से 114 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य में कोरोना से अब तक 133 लोगों की मौत हो चुकी है।
चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने प्रदेश में मरीजों के ठीक होने की दर अच्छी बताते हुए कहा कि राज्य में सभी जिलों में जांच सुविधा शीघ्र शुरू की जाएगी ताकि वास्तविक मरीजों का जल्द पता चल सके और इस महामारी को फैलने से रोका जा सके।