देश के नये चीफ जस्टिस के, ये हैं नये नियम, जानिये क्या किया परिवर्तन
October 4, 2018
नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश का पद संभालते ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने केसों की तत्काल सुनवाई का नियम तय कर दिया। उन्होने कहा कि कोई फांसी पर चढ़ने वाला है या किसी को उसके घर से बेदखल कर दिया गया है तो ऐसे ही मामलों में तत्काल सुनवाई होगी। अर्जेंट मैटर का मतलब अर्जेंट मैटर ही होना चाहिए।
जस्टिस गोगोई ने बुधवार को देश के 46वें चीफ जस्टिस पद की शपथ ली। जस्टिस गोगोई 17 नवंबर 2019 तक चीफ जस्टिस पद पर रहेंगे। पहले दिन के अपने आदेश में उन्होंने कहा- मेंशनिंग के लिए पहले याचिका दायर करनी होगी। बहुत जरूरी मामले ही मेंशन किए जाएंगे। अभी सुप्रीम कोर्ट में हर दिन मेंशनिंग के लिए 20 मिनट का वक्त तय है।
चीफ जस्टिस ने जजों के काम के बंटवारे का नया रोस्टर भी जारी कर दिया। चीफ जस्टिस खुद जनहित, चुनाव, कोर्ट की अवमानना, सामाजिक न्याय, आपराधिक मामले और संवैधानिक पदों पर नियुक्ति से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे। जस्टिस एमबी लोकुर की बेंच उन्हीं जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगी जो चीफ जस्टिस उनके पास भेजेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल 31 मंजूर पद हैं। अभी तक इनमें से 25 जज काम कर रहे थे। जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायर होने के बाद यह संख्या घटकर 24 हो गई। चीफ जस्टिस गोगोई के कार्यकाल में पांच और जज रिटायर होंगे और सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल खाली पद 11 हो जाएंगे।