साटो टैप के रूप में हाथ धोने का नया समाधान पेश

नयी दिल्ली, दुनिया भर के स्थानीय समुदायों को किफायती और आसानी से लगाई जा सकने वाली स्वच्छता प्रणाली प्रदान करके पानी, सफाई व्यवस्था तथा स्वच्छता से जुड़ी समस्याओं को हल करने वाली लिक्सिल ग्रुप कॉर्पोरेशन के सामाजिक व्यवसाय साटो ने ‘साटो टैप’ के नाम से हाथ धोने का नया समाधान मंगलवार को पेश किया।

यूनिसेफ के अनुसार दुनिया की 40 फीसदी आबादी के घरों में अभी भी हाथ धोने की मूलभूत सुविधाएं नहीं है। इस बड़ी चुनौती का सामना करने के लिए लिक्सिल ने विकास भागीदारों और अन्य लोगों का सहयोग करने के अपने वादे के अनुरूप 10 लाख डॉलर लगाने का वचन दिया है जिससे 50 लाख लोगों को हाथ धोने की बेहतर सुविधाएं दी जा सकती हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मानिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के भी अनुरूप है।

साटो के उपाध्यक्ष और प्रमुख, एरिन मैककसकर ने कहा, “कोविड-19 ने एशिया और दुनिया भर के घरों में पानी, सफाई व्यवस्था और स्वच्छता से जुड़ी विशाल असमानताओं को हमारे सामने ज़ाहिर किया है। हम जानते हैं कि साबुन से हाथ धोना बिमारी के संक्रमण को रोकने के प्रभावी उपायों में से एक है। साटो की डिज़ाइन और इंजीनियरिंग विशेषज्ञता को लिक्सिल के वैश्विक सहयोग के साथ जोड़कर हम हाथ धोने से जुड़ी इस नई खोज को तेज़ी से बाज़ार में पहुंचाना चाहते हैं, जिससे यह लोगों के घरों तक पहुंचे और उनके हाथ धोने से जुड़े व्यवहार में परिवर्तन आए और साटो के उत्पाद पोर्टफोलियो में यह लंबे समय के लिए शामिल रहे।”

साटो ने डिजाइन प्रक्रिया के दौरान सहयोगियों के साथ मिलकर काम किया और इनसे मिली महत्वपूर्ण तकनीकी समझ से साटो टैप के डिजाइन को प्रभावी बनाने में मदद मिली। इसका मूल ढ़ाचा प्लास्टिक का है जिसमें एक टोंटी लगी है और आमतौर से उपलब्ध प्लास्टिक की बोतलों को इस पर फिट किया जा सकता है। यह आकार में छोटा है और इसे घर के भीतर और सार्वजनिक जगहों पर हाथ साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अनोखे डिजाइन के कारण इसे इस्तेमाल करने वाले और टैप के बीच बहुत कम संपर्क होता है जिससे बीमारी का प्रसार कम होता है। इसके ट्रिकल एक्शन से कम पानी इस्तेमाल होता है जिससे बोतल को बार-बार भरने की ज़रूरत कम हो जाती है और साथ ही सही मात्रा में पानी भी मिलता रहता है।

साटो टैप के माध्यम से वंचित परिवारों को हाथ साफ करने की किफायती सुविधा प्रदान करने के अलावा यूनिसेफ के साथ लिक्सिल की मौजूदा साझेदारी कोविड-19 से लड़ने के लिए हाथ धोने और स्वच्छता से जुड़ी गतिविधियों का विस्तार करेगी। इन गतिविधियों में व्यवहार परिवर्तन को मजबूत करने के लिए वाणिज्यिक और व्यवहार संबंधी दृष्टिकोण के बारे में जानकारी जमा करने से लेकर साथ मिलकर स्वच्छता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और हाथ धोने की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए मौजूदा सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के नेटवर्क का अधिकतम इसतेमाल करना शामिल है।

यूनिसेफ की एसोसिएट डायरेक्टर (वाश) केली एन नायलोर ने कहा, हम जानते हैं कि हाथ धोना बिमारियों के प्रसार को कम करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। लेकिन हाथ धोने की मूलभूत सुविधा न होने से सबसे गरीब और सबसे असुरक्षित बच्चों तथा परिवारों के लिए कोविड -19 का तात्कालिक जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। इस वैश्विक महामारी ने सरकारों और निजी क्षेत्र के लिक्सिल जैसे भागीदारों का साथ मिलकर काम करना पहले की तुलना में कहीं अधिक आवश्यक बना दिया है ताकि सभी के लिए हाथ धोने की सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें।”

स्वच्छता से जुड़े नए समाधानों की आवश्यकता पर बोलते हुए साटो के टेक्नोलोजी प्रमुख और मार्केटिंग ऑफिसर, दाईगो इशीयामा ने कहा, “हमें विश्वास है कि साटो टैप जीवन को बदलने वाले व्यवहार की वकालत करने में मदद करेगा। यह स्वच्छता को बढ़ावा देगा और पानी का संरक्षण करते हुए जोखिमों को कम करके हाथ धोने के व्यवहार में बदलाव लाएगा। हमारी सोच लोगों के बीच स्वच्छता को बढ़ावा देने और 2030 तक एसडीजी 6 को आगे बढ़ाने की भारत सरकार की सोच से मेल खाती है।”

पहला साटो टैप भारत में बनाया जाएगा और सहयोगियों के लिए सितंबर 2020 तक उपलब्ध हो जाएगा। वर्ष 2021 की शुरुआत में उत्पादन शुरू होने के साथ यह बाज़ार में उपलब्ध हो जाएगा। लिक्सिल वैश्विक स्तर पर दूसरे बाजारों में विस्तार करने के लिए अन्य लाइसेंसिंग भागीदारों को जोड़ने पर भी काम कर रहा है।

Related Articles

Back to top button