तीन बहनों की पुलिस प्रताड़ना का, मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
September 19, 2019
गुवाहाटी,एक पुलिस चौकी के अंदर तीन बहनों को कथित रूप से निर्वस्त्र करने, हमला करने और उन्हें प्रताड़ित करने के बारे में छपी खबरों का मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया।
असम मानवाधिकार आयोग ने दरांग जिले में एक पुलिस चौकी के अंदर तीन बहनों को कथित रूप से निर्वस्त्र करने, हमला करने और उन्हें प्रताड़ित करने के बारे में छपी खबरों का बृहस्पतिवार को स्वत: संज्ञान लिया और जिलाधिकारी को घटना की जांच करने के लिए नोटिस जारी किया।
आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि एनएचआरसी में एनके बोरा की एकल पीठ ने नोटिस जारी किया और निर्देश दिया कि नोटिस प्राप्त होने के एक महीने के अंदर सभी दस्तावेज और मेडिकल रिपोर्ट उसे प्रस्तुत की जाएं।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि अखबारों में आई खबरें कहती हैं कि दरांग पुलिस ने तीन बहनों को कथित रूप से गुवाहाटी से हिरासत में लिया और उन्हें दरांग जिले के बुरहा पुलिस चौकी में ले गए जहां चौकी प्रभारी निरीक्षक महेंद्र सरमा और एक महिला कांस्टेबल बिनिता बोरो ने महिलाओं को निर्वस्त्र किया और उन्हें प्रताड़ित किया।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि ऑल असम गरिया युवा छात्र परिषद के अध्यक्ष प्रभारी मकबूल हुसैन ने भी इसी घटना की शिकायत की है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और राष्ट्रीय महिला आयोग ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया है और मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को मामले की जांच करने तथा चार हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पुलिस चौकी के अंदर तीन महिलाओं को प्रताड़ित किए जाने की कथित घटना की जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच मध्य पश्चिमी रेंज के डीआईजी बी सिंह करेंगे।
दरांग के पुलिस अधीक्षक अमृत भुइयां ने बताया कि महिलाओं के भाई के खिलाफ गुवाहाटी में अपहरण का मामला दर्ज किया गया था जिस वजह से महिलाओं को हिरासत में लेकर नौ सितंबर को बुरहा पुलिस चौकी लाया गया था।
उनके भाई और एक महिला ने चौकी में आत्मसमर्पण कर दिया था जिसके बाद तीनों महिलाओं को छोड़ दिया गया था। पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाली यह वही महिला थी जिसे कथित रूप से उनके भाई ने अपहृत किया था।
महिलाओं ने बाद में पुलिस अधीक्षक को शिकायत देकर आरोप लगाया कि सरमा ने उन्हें निर्वस्त्र किया और उन्हें प्रताड़ित किया, जिस वजह से उन्हें गंभीर चोटें आईं।
उन्होंने मीडिया के सामने दावा किया कि एक महिला दो महीने की गर्भवती थी और हमले के कारण उसका गर्भपात हो गया।
महिलाओं को पहले हेलेंगपाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां मौजूद डॉक्टरों ने मेडिकल परीक्षण के लिए उन्हें गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया।