नयी दिल्ली, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर बनाये गये न्यासों और फंडों के लेकर उठाये गये सवालों पर कांग्रेस ने आज लोकसभा में कड़ी आपत्ति जताई जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने श्री ठाकुर का बचाव करते हुये कहा कि यदि कांग्रेस के नेता उनके सवालों का जवाब नहीं देते तो पार्टी को सरकार से प्रश्न पूछने का कोई अधिकार नहीं है।
‘कराधान और अन्य विधि (कतिपय उपबंधों का सरलीकरण और संशोधन) विधेयक, 2020 को सदन में पेश करते हुये गांधी-नेहरू परिवार पर श्री ठाकुर की एक टिप्पणी पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी और पार्टी के सदस्यों ने सदन में काफी हंगामा किया था। इस कारण पहले तीन घंटे सदन में कोई चर्चा नहीं हो सकी थी। इसके बाद श्री ठाकुर ने कहा था कि यदि उनकी बात से “किसी को ठेस पहुंची हो तो उन्हें इसका दु:ख है”, लेकिन उनका उद्देश्य किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था।
विधेयक पर चर्चा के दौरान आज उन्होंने हस्तक्षेप करते हुये गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर बनाये गये न्यासों और फाउंडेशनों के बारे में विस्तृत विवरण देते हुये जोरदार हमला बोला। इस पर आपत्ति करते हुये कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि किसी के खिलाफ आरोप लगाने के लिए नोटिस देना पड़ता है। साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस समय सदन में नहीं है और अपना बचाव नहीं कर सकतीं, इसलिए उनके खिलाफ आरोप नहीं लगाये जा सकते। उन्होंने अध्यक्ष से कहा, “यदि आपकी मौजूदगी में इस तरह की बातें करते रहें और आप इसी तरह सदन चलाना चाहते हैं तो हमें सदन छोड़कर जाना पड़ेगा।” श्री ठाकुर के प्रति उनकी एक टिप्पणी पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति की जिसे बाद में संशोधित कर दिया गया।
श्रीमती सीतारमण ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुये कहा कि श्री ठाकुर उनसे पहले चार बार सदन के सदस्य रह चुके हैं। वह काफी अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं और उनके प्रति इस प्रकार की टिप्पणी विपक्ष के नेता को शोभा नहीं देती। उन्होंने कहा, “यदि अनुराग ठाकुर के प्रश्नों का आप जवाब नहीं देते तो आपको अधिकार नहीं है सवाल पूछने का।”