नई दिल्ली, बदलते लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से आज लगभग सभी लोग किसी ने किसी बीमारी से घिरे हुए हैं। हार्ट संबंधी बीमारियां तो काफी आम हो गई हैं, खासकर हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट। यह महिलाओं और पुरुषों दोनों में बराबर देखने में आ रहा है। इस समय हार्ट प्रॉब्लम्स में युवाओं में सबसे ज्यादा उभरकर आ रहा है कोरोनरी आर्टरी का रोग। इसके अलावा, एक और गंभीर स्थिति जो देखने में आ रही है, वह है दिल की मांसपेशियों का असामान्य तौर पर बढ़ना और इससे जुड़ी अन्य समस्याएं, जिनमें हार्ट का फेल होना और अनियमित हार्ट बीट है।
अब 30 के उम्र के लोग भी इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आने लगे हैं. जी हां, 30 से 40 उम्र के लोगों को दिल संबंधी बीमारियों होने लगी है. इन रोगों का कारण सिर्फ तनाव है और इससे मुक्ति पाने के लिए ये लोग धूम्रपान, नींद की दवाएं, शराब का सेवन करते हैं. जो उन्हें दिल की बीमारी की तरफ ले जा रही है. आपको ये बीमारी ना हो और आप इससे खुद को बचाने के लिए पहले से ही सतर्क कर सकें, इसीलिए हृदय रोगों के लक्षण को बारे में बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमर सिंघल दिल की बीमारी के शुरुआती लक्षण बता रहे हैं जिन्हें समय से पहले जान गंभीर दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है.
यदि आपकी आर्टरी ब्लॉक है या फिर हार्ट अटैक है तो आपको छाती में दबाव महसूस होगा और दर्द के साथ ही खिंचाव महसूस होगा.
यदि आपको काफी दिनों से खांसी-जुकाम हो रहा है और थूक सफेद या गुलाबी रंग का हो रहा है तो ये हार्ट फेल का एक लक्षण है.
सांस लेने में दिक्कतें होना या फिर कम सांस आना हार्ट फेल होने का बड़ा लक्षण है.
सामान्य से अधिक पसीना आना खासतौर पर तब जब आप कोई शारीरिक क्रिया नहीं कर रहे तो ये आपके लिए एक चेतावनी हो सकती है.
पैरों, टखनों, तलवों और एंकल्स में सूजन आने का मतलब ये भी हो सकता है कि आपके दिल में रक्त का संचार ठीक से नहीं हो रहा है.
कई बार चक्कर आने, सिर घूमने, बेहोश होने, बहुत थकान होने जैसे लक्षण भी एक चेतावनी हैं.दिल संबंधी कोई भी गंभीर समस्या होने से पहले कुछ लोगों को मितली आना, सीने में जलन, पेट में दर्द होना या फिर पाचन संबंधी दिक्कतें आने लगती हैं.
कई बार दिल के रोगी को छाती और बाएं कंधे में दर्द की शिकायत होने लगती है. ये दर्द धीरे-धीरे हाथों की तरफ नीचे की ओर जाने लगता है.
इससे बचाव पर डॉ. अमर सिंघल ने कहा, “तनाव से बचें, एक्सरसाइज करके भी दिल का ख्याल रखा जा सकता है. इसके लिए आपको नियमित तौर पर एक्सरसाइज करनी होंगी. दिल से संबंधित किसी भी एक्सरसाइज के लिए डॉक्टर की सलाह भी जरूरी है. उन्होंने कहा, “दिल की सलामती के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई सही तरीके से हो इसके लिए वॉल्व्स का स्वस्थ और खुला होना बहुत जरूरी है. खड़े होकर की जाने वाली एक्सरसाइज करें, जिससे हृदयतंत्र को लाभ पहुंचे, गहरी सांस लेने से छाती में फैलाव होता है, जिससे दिल को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है.”