सहारनपुर, कोविड 19 होने पर स्वाद व गंध का महसूस न होना कोरोना वायरस का लक्षण माना जा रहा है लेकिन यह जरूरी नही है कि ये कोरोना के लक्षण हैं और महसूस नहीं करने वाले पॉजिटिव हैं।आरोग्य योग एवं मैडीटेशन सेन्टर के डायरेक्टर गुलशन कुमार ने आज कहा कि कोरोना काल में रोज नये नये शोध रिपोर्ट आ रहे हैं । कोविड 19 के जो लक्षण मरीजो मे पाये जाते है, वो सांस लेने में कठिनाई, खांसी आना , थकान, बुखार, गले व फेफड़ों में इन्फेक्शन होना इसके साथ साथ लॉस आफ टेस्ट व स्मेल लक्षण 50-60 प्रतिशत लोगो में पाये जाते हैं ।
उन्होंने कहा कि सूंघने की क्षमता खत्म होने पर योग की षट्कर्म क्रिया जल नेति, सुत्रनेति, कपालभाति व घृत नेति का बस अभ्यास ही निश्चित रूप से अच्छी या बुरी गंध महसूस कराने लगती है। कामन कोल्ड की कंडीशन मे भी गंध व व स्वाद महसूस नही होता। एक अध्ययन के मुताबिक कोविड मरीज कडवा व मीठे स्वाद को पहचान नही पाते जबकि कामन कोल्ड होने पर इसके लक्षण माइल्ड होते है।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को नासिका का रोग है ।या नाक में एलर्जी है, नाक में पोलिप है । जो लोग नेजल ड्राप्स का अत्यधिक प्रयोग करते है उनकी भी सूंघने की क्षमता ज्यादातर खत्म हो जाती है । इसका अर्थ यह बिल्कुल नही है कि वे कोरोना पॉजिटिव है। इसके अतिरिक्त पुराने नजला जुकाम होने पर भी गंध महसूस नहीं होती । एजिंग प्रोसेस , बुढ़ापे में स्वाद व सूंघने की क्षमता खत्म हो जाती है। जो लोग डायबिटिक है या पार्किसन का इलाज ले रहे है उनकी भी सूंघने की क्षमता खत्म हो जाती है।
जल नेति करने के लिए सुबह एक टोटी दार लोटे मे गुनगुने जल मे सेंधा नमक मिला ले फिर नासिका को अच्छे से साफ करके लोटे की टोटी को नासिका के बांये छिद्र में लगाकर सिर को दायें और झुका कर रखने से दायीं नासिका से पानी बाहर निकल जाता है। लोटे का जल खत्म होने के पश्चात ये ही क्रिया दायें नासिका से भी करे। इस प्रकार नासिका की क्लीजिंग हो जाने से नासिका के अन्दर का क्रस्ट बाहर निकल जाता है और हमारी सूंघने की क्षमता वापस लौट आती है।