जबलपुर, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने आज प्रदेश में शराब ठेके की राशि कम किए जाने की मांग लेकर लेकर दायर की गई याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
प्रदेश के शराब ठेकेदारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि वैश्विक कोरोना महामारी के कारण लागू लॉक डाउन की वजह से वह अपनी दुकानों का संचालन नहीं कर पाए| ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए उनकी ठेके राशि कम की जाए।
मुख्य न्यायाधीश ए के मित्तल तथा न्यायाधीश वीके शुक्ला की युगल पीठ ने याचिका की सुनवायी करते हुए इस मामले में प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है| युगल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि प्रदेश सरकार का जवाब आने के बाद अगली सुनवाई में अंतरिम राहत पर विचार किया जाएगा।
प्रदेश में शराब ठेकेदारों की तरफ से पेश की गई याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार द्वारा जब वर्ष 2020 -2021 के लिए टेंडर आमंत्रित कर शराब ठेके दिए गए थे| तब परिस्थितियां अलग थी याचिकाकर्ता ने टेंडर के माध्यम से ठेके लिए थे। टेंडर के अनुसार ठेके की अवधि 01 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक थी। इसके अलावा दुकान का संचालन 14 घंटे तक कर सकते थे। टेंडर आवंटित होने के दौरान उन्होंने निर्धारित राशि जमा कर दी थी।
याचिका में कहा गया था कि टेंडर प्रारंभ होने के पहले ही करोना वायरस के कारण देश में लॉक डाउन लागू कर दिया गया था| इसके बाद लॉक डाउन की अवधि में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है| प्रदेश सरकार द्वारा अब कुछ जिलों तथा क्षेत्रों में शराब दुकान संचालन की अनुमति प्रदान की गई। इन क्षेत्रों में महज कुछ घंटों दुकान संचालन की अनुमति रहेगी। याचिका में कहा गया है कि उनके द्वारा कई हजार करोड़ों में ठेका लिया गया है।
याचिका में मांग की गई है की जितने दिन दुकान बंद रही है और दुकान संचालन के घंटों में कटौती का आकलन कर ठेका राशि उतनी कम की जाए | याचिका में यह भी कहा गया है कि ऐसा नहीं करने पर उनकी जमा राशि वापस की जाए और नए सिरे से ठेके के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएं |
इस याचिका की सुनवाई शराब ठेका को चुनौती देने वाली पूर्व में दायर याचिकाओं की साथ की गई| युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी है|