अब प्रदूषण को खत्म करेगा ‘डिकम्पोजर कैप्सूल’, इन राज्यों में होगा परीक्षण

नयी दिल्ली , राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण और स्मॉग की समस्या से निजात पाने में इस साल दिल्ली समेत पाँच राज्यों के किसान पराली के निपटान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) के एक विशेष डिकम्पोजर कैप्सूल का इस्तेमाल करेंगे।

ठंड के मौसम से पहले दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या पर मंत्री स्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पर्यावरण मंत्री शामिल हुये। पंजाब की तरफ से अतिरिक्त मुख्य सचिव अनूप तिवारी बैठक में मौजूद थे। यह भी तय किया गया कि दिल्ली के 13 हॉटस्पॉट के साथ अन्य राज्यों में भी हॉटस्पॉट पर निगरानी बढ़ाई जायेगी।

श्री जावडेकर ने बैठक के बाद बताया कि आईसीएआर के डिकम्पोजर कैप्सूल का इस साल पाँचों राज्यों में परीक्षण किया जायेगा। यदि परिणाम उत्साहवर्द्धक रहे तो अगले साल से बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल शुरू किया जायेगा। इस कैप्सूल के रसायन से पराली और फसल कटाई के बाद बचे अन्य जैविक अपशिष्टों को खाद में बदला जा सकता है।

पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली-एनसीआर को हर साल सर्दी के मौसम में स्मॉग की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस स्मॉग के कई कारक हैं। इनमें मौसमीय कारक, निर्माण कार्यों के दौरान बनने वाली धूल और वाहनों से निकलने वाले धुएँ के अलावा आसपास के राज्यों में किसानों द्वारा फसल कटाई के बाद पराली को खेत में जलाने से उठने वाला धुआँ एक बड़ा कारण है।

Related Articles

Back to top button