लखनऊ , यूपी मे अब खादी को मिलेगा मार्डन लुक और जिससे प्रदेश को और अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि खादी को और अधिक लोकप्रिय बनाने तथा मार्डन लुक देने के लिए दक्ष एवं पेशेवर लोगों को खादी से जोड़ा जा रहा है।
उन्होने कहा कि खादी के अधिक उत्पादन तथा प्रोत्साहन के लिए टेक्नालाॅजी के माध्यम आधुनिक बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। साथ ही खादी संस्थाओं को कम कीमत पर कच्चा माल उपलब्ध कराने की व्यवस्था निरंतर सुनिश्चित की जा रही है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़ते हुए स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
श्री सिंह ने कहा कि खादी के समुचित विपणन के लिए आने वाले समय में जगह-जगह खादी मार्ट खोलने की भी योजना है। इससे लोगों को एक छत के नीचे खादी एवं ग्रामोद्योग के उत्पाद उपलब्ध होंगे।
खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की मंगलवार को हुयी 49वीं बैठक में कुल 26 प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये, जिनमें से अधिकांश पर सहमति बनी। भेंड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रयागराज जनपद में ऊन का प्रोसेसिंग प्लांट लगाये जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड सभी उत्पादन केन्द्रों पर सोलर चर्खें की उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं केन्द्रों पर लोगों को चर्खा संचालन की ट्रेनिंग दिये जाने पर सहमति बनी।
बैठक में पंजीकृत खादी संस्थाओं द्वारा उत्पादित वस्त्रों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्वालिटी काउंसिल आफ इण्डिया के साथ समझौता करने पर निर्णय लिया गया है। कोरोना महामारी से बचाव के लिये मास्क बनाने के लिए खादी संस्थाओं छह लाख मीटर कपड़ा उपलब्ध कराया गया है। साथ ही मास्क की कीमत को कम करने के लिए अनुदान भी दिया जायेगा।
इसी प्रकार यहां कैसरबाग स्थित कस्तूरबा इम्पोरियम/परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग कार्यालय को खादी प्लाजा के रूप में विकसित किये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें जन सामान्य तक खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों की उपलब्धता आसानी से सुनिश्चित होगी। खादी इकाइयों द्वारा तैयार उत्पादों का व्यापक प्रचार-प्रसार होगा।
अपर मुख्य सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग डा नवनीत सहगल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पंरपरागत क्राफ्ट एण्ड इण्डस्ट्री को पुनर्जीवित करने के लिए स्फूर्ति योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना के लिये नौ करोड़ रुपये तक अनुदान दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि हर मण्डल में विभागीय प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया है। साथ ही सरकारी विभागों में खादी उत्पादों की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए मार्केटिंग सेल का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सभी कंबल कारखाने शुरू कराये गये हैं। इस वर्ष 50 हजार कंबल उत्पादन का लक्ष्य है।