जौनपुर , लॉकडाउन के बाद से उत्तर प्रदेश के जौनपुर में भूमि-विवाद को लेकर अपराध तेजी से बढ़ा है। आए दिन लाठियां चटक रही हैं। खूनी संघर्ष में जान जा रही है। भूमि विवाद के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने नई पहल की है। अब भूमि विवाद थानों पर निपटाए जाएंगे।
जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने सोमवार को यहां कहा है कि रोजाना इन मामलों की सुनवाई होगी। थानों पर पुलिस के अधिकारी तो रहेंगे ही, राजस्व की ओर से तहसीलदार, नायब तहसीलदार और एसडीएम भी हिस्सा लेंगे। दोनों पक्षों की सुनवाई कर विवाद का समाधान कराया जाएगा।
मौके पर टीम भेजकर भी निस्तारण की पहल होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी एसडीएम को निर्देश जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच महीनों के दौरान हत्या और गैर इरादतन हत्या की 15 से अधिक वारदात हुई हैं। इनमें से अधिकांश घटनाओं के पीछे भूमि-विवाद मुख्य कारण रहा है। पिछले दिनों खुटहन में दो भाइयों समेत तीन लोगों की हत्या हुई थी। इसके पहले इसी क्षेत्र में करोबारी को पट्टीदारों ने गोली मार दी थी। बक्शा में भाजपा नेता की लाठियों से पीटकर हत्या कर दी गई। इन तमाम घटनाओं का कारण रहे भूमि विवाद को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने इसके समाधान की पहल की है।
श्री सिंह ने कहा कि आमतौर पर भूमि विवाद से जुड़े मामलों में पुलिस और प्रशासन में सामंजस्य न होने के कारण समाधान नहीं हो पाता। लिहाजा अब थाना स्तर पर कैंप लगाकर विवाद का निस्तारण किया जाएगा। इसके तहत सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार को अपने क्षेत्र के सभी थानों के लिए रोस्टर तय करने को कहा गया है। उस दिन थाने के सभी गांवों के लेखपाल, कानूनगो समस्त दस्तावेज के साथ मौजूद रहेंगे। सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक सुनवाई होगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस दिन संबंधित थानों पर दोपहर एक से दो बजे तक एसडीएम- क्षेत्राधिकारी भी मौजूद होंगे। सभी अधिकारी दोनों पक्षों को सुनने और दस्तावेजों के अवलोकन के बाद उसका गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करते हुए यह भी सुनिश्चित करेंगे कि मौके पर दोबारा विवाद के कारण कानून-व्यवस्था प्रभावित होने की नौबत नहीं आएगी। सभी एसडीएम को रोजाना इसकी रिपोर्ट एडीएम को देनी होगी। सुनवाई के दौरान सोशल-डिस्टेंस का भी ध्यान रखा जाएगा।