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अब “प्रोजेक्ट जननी” महिलाओं को प्रभावी स्तनपान की आदतें सिखाएगा

नई दिल्ली, माताओं को स्तनपान के बारे में जानकारी देने के लिए भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स (बीएसवी) लिमिटेड ने ‘जननी’ नाम की योजना शुरू की है। इस योजना का मकसद स्तनपान से जुड़े गलतफहमियों को दूर करना और सही जानकारी देकर माताओं को जागरूक बनाना है, जिससे वे आत्मविश्वास से अपने बच्चों को स्तनपान करा सकें। बीएसवी ने नर्सों, आशा कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी कर्मियों को इस बारे में खास ट्रेनिंग देने के लिए आर्टिस्ट अकादमी के साथ साझेदारी की है, ताकि वे अपने क्षेत्र में माताओं की मदद कर सकें।

खास ट्रेनिंग-
बीएसवी ने आर्टिस्ट अकादमी के साथ मिलकर नर्सों, आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को एक खास ट्रेनिंग दी है, ताकि वे अपने समुदाय में स्तनपान की जानकारी फैला सकें। इस ट्रेनिंग को डॉ. हेमा दिवाकर की देखरेख में आयोजित किया गया है।

मान्यता प्राप्त स्तनपान सुविधा-
यह खास स्तनपान सुविधा पाठ्यक्रम हैल्थकेयर सेक्टर स्किल काउंसिल (एचएसएससी) से मान्यता प्राप्त है, और इसे भारत की फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज (एफओजीएसआई) और साउथ एशिया फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी (एसएएफओजी) का समर्थन मिला है। ‘प्रोजेक्ट जननी’ की शुरुआत बीएसवी मेडिकल टीम, डॉ. हेमा दिवाकर (आर्टिस्ट अकादमी), डॉ. जयदीप टैंक (एफओजीएसआई के प्रेसिडेंट) और डॉ. हृषिकेश पई के सहयोग से की गई है।

स्तनपान के महत्व पर जोर-
एफओजीएसआई के पूर्व अध्यक्ष, ट्रस्टी एफआईडीओ एशिया, ओशिनिया क्षेत्र और मान्याता के प्रमुख डॉ. हृषिकेश पई ने स्तनपान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि “माताओं को स्तनपान के सही तरीके समझाकर उन्हें सशक्त बनाना न सिर्फ उनके और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे पूरे समाज की सेहत भी बेहतर होती है। इस तरह के कार्यक्रम से समुदाय का सहयोग बढ़ता है, स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च कम होता है और देखभाल की एक बेहतर संस्कृति को बढ़ावा मिलता है, जिससे हर बच्चे को जीवन की सबसे अच्छी शुरुआत मिलती है। जब हम स्तनपान के बारे में जानकारी देते हैं, तो हम आने वाली पीढ़ियों की भलाई में निवेश कर रहे होते हैं और हर मां को वह मदद दे रहे होते हैं, जो उसकी हकदार है।”

मातृत्व के अहम पहलुओं पर जानकारी-
बीएसवी के चीफ मेडिकल ऑफिसर स्वश्रय शाह ने प्रोजेक्ट जननी के बारे में बताते हुए कहा, “महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना हमारी प्राथमिकता है, और इसी वजह से स्तनपान जैसे मातृत्व के अहम पहलुओं पर जानकारी देना और जागरूकता फैलाना हमारी जिम्मेदारी है। प्रोजेक्ट जननी जैसी पहल से हम हर मां के लिए स्तनपान को आसान बनाना चाहते हैं, ताकि बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो और उनके स्वास्थ्य और मां-बच्चे के बीच भावनात्मक जुड़ाव को बढ़ावा मिले।”

नई माताओं को सही मार्गदर्शन-
एसएएफओजी की न्यूट्रिशन एंड ब्रेस्टफीडिंग कमिटी की चेयर और आर्टिस्ट एकेडमी की सीईओ, डॉ. हेमा दिवाकर ने कहा, “स्तनपान करना हर मां के लिए आसान नहीं होता और हर मां का अनुभव अलग होता है। एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर होने के नाते, हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन माताओं की मदद करें जो अपने बच्चों को स्तनपान कराना चाहती हैं। जब हम स्तनपान कराने वाली माताओं को सही मदद और जानकारी देते हैं, तो यह सुनिश्चित करते हैं कि नई माताओं को सही मार्गदर्शन मिले, जिससे वे अपना बेहतरीन दे सकें।”

स्तनपान से जुड़ी जानकारी की कमी को दूर करना-
एफओजीएसआई के प्रेसिडेंट डॉ. जयदीप टांक ने कहा, “जननी का लक्ष्य नर्स, आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं जैसे सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षण देकर भारत में स्तनपान को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही, यह पहल माताओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर भी केंद्रित है। इसका उद्देश्य स्तनपान से जुड़ी जानकारी की कमी को दूर करना है, ताकि माताओं और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं दोनों को शिक्षित किया जा सके। इस पहल का फोकस स्तनपान को शिशु की सेहत और जीवन को सुरक्षित रखने के एक अहम उपाय के रूप में बढ़ावा देना है। माँ के दूध से शिशु को जरूरी पोषक तत्व, एंटीबॉडीज़ और एंजाइम्स मिलते हैं, इसलिए हमें सभी को मिलकर स्तनपान की जानकारी और इसकी दरों को बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए।”

स्तनपान कराने के लिए जरूरी मार्गदर्शन-
एफओजीएसआई की महासचिव और जेओजीआई की मुख्य संपादक डॉ. माधुरी पटेल ने कहा, “भारत में कई माताओं को स्तनपान के बारे में जानकारी की कमी, सहयोग की कमी और सांस्कृतिक बाधाओं जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। जननी प्रोग्राम पैरामेडिक्स को प्रशिक्षण देकर इन समस्याओं का समाधान करता है, ताकि वे विशेषज्ञ सलाह और सहयोग प्रदान कर सकें। यह कार्यक्रम माताओं को सही तरीके से स्तनपान कराने के लिए जरूरी मार्गदर्शन देता है। इस पहल के जरिए हम महिलाओं की मदद करना चाहते हैं, ताकि वे आत्मविश्वास के साथ जननी के रूप में अपनी भूमिका को पूरी तरह स्वीकार कर सकें।”

माताओं और स्वास्थ्य कर्मियों को शिक्षित करना-
‘जननी’ भारतीय माताओं को स्तनपान के बारे में जानकारी और सहयोग देने की एक संयुक्त पहल है। बीएसवी, आर्टिस्ट एकेडमी, एफओजीएसआई और एसएएफओजी के सहयोग से इस कार्यक्रम का उद्देश्य माताओं और स्वास्थ्य कर्मियों को शिक्षित करना और भारत में माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य को और बेहतर बनाना है।

रिपोर्टर-आभा यादव