लखनऊ, उत्तर प्रदेश में नाम बदलने का शीलशिला जारी है. बीजेपी सरकार आने के बाद यह चौथा शहर होगा, जिसका नाम बदला जाएगा. इससे पहले इलाहाबाद और फ़ैजाबाद का नाम प्रयागराज और अयोध्या किया गया है. इसके अलावा मुगलसराय जंक्शन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन किया गया है.
उत्तर प्रदेश के लम्भुआ से पहली बार चुनाव जीत कर आए बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी ने सुल्तानपुर के नाम को बदलने का प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया. बीजेपी विधायक ने सुल्तानपुर का नाम भगवान राम के पुत्र पर रखने का प्रस्ताव पेश किया है. विधानसभा में इस प्रस्ताव पर सेक्शन 103 के तहत चर्चा होगी.
इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विसेज के पूर्व अधिकारी रहे विधायक देवमणि द्विवेदी का कहना है कि उनके पास सुल्तानपुर के नाम को बदलने का ऐतिहासिक साक्ष्य मौजूद है. उन्होंने कहा कि शहर पहले कुश भावनपुर के नाम से जाना जाता था. इसके अलावा इसे कुशपुर और कुशावटी के नाम से भी जाना जाता रहा है. लेकिन सबसे प्रसिद्द नाम कुश भावनपुर था. द्विवेदी कहते हैं, “महान कवी कालिदास की महाकाव्य रघुवंश, इतिहासविद एलेग्जेंडर कन्निघम और सुल्तानपुर के राजपत्र के रिकॉर्ड के मुताबिक भी शहर का नाम यही था. लेकिन अलाउद्दीन खिलजी के शासन काल के दौरान इसका नाम बदलकर सुल्तानपुर कर दिया गया.”
इस प्रस्ताव को लेकर सपा और बसपा सहमत नहीं हैं. उनका कहना है कि यह संघ की रणनीति है जिसे लागू कर मुस्लिम शहरों का नाम बदला जा रहा है. दरअसल अहम मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश हो रही है. करछना से सपा विधायक उज्जवल रमण सिंह ने कहा कि बुलंदशहर हिंसा, अस्पताल में मौत, कुपोषण, अंतरजातीय प्रेमी युगलों पर हमले और फर्जी एनकाउंटर जैसे मुद्दों को भटकाने के लिए ऐसा किया जा रहा है.