नई दिल्ली, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आपराधिक मामले में आरोपित होने मात्र से पुलिस को उसके परिवार के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार करने का अधिकार नहीं मिल जाता. कोर्ट अनुमति लिए बगैर पुलिस रात में किसी भी समय अभियुक्त का दरवाजा नहीं खटखटा सकती.
कोर्ट ने याची के पुलिस के खिलाफ आरोपों को गम्भीर माना और जिलाधिकारी बरेली को जांच कर एक माह में व्यक्तिगत हलफनामे के साथ रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. याचिका की सुनवाई 7 जनवरी को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने गुल्फसा खान की याचिका पर दिया है.
याची अधिवक्ता केके मिश्र व वरुण मिश्र का कहना है कि याची के पति सभासद का चुनाव में प्रत्याशी था. उसी समय से पुलिस ने परिवार को परेशान करना शुरू कर दिया. थाना इज्जतनगर की पुलिस आए दिन रात-बिरात याची के घर में घुसकर दुर्व्यवहार करने लगी. 19 मई 2017 को याची के पति को पुलिस 9 बजे रात पकड़ कर ले गई. कोई कारण नहीं बताया. इसकी शिकायत डीएम व एसएसपी से की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद उसने कोर्ट में धारा 156(3) में अर्जी दी है, जो लंबित है.