नयी दिल्ली, दिल्ली सरकार ने लाॅकडाउन की वजह से फंसे प्रवासी मजदूरों को मूल निवास स्थान की प्रदेश सरकार की ओर से वापस ले जाने के लिए कोई रिस्पांस न मिलने पर उनके ट्रेन यात्रा का खर्च उठाने का फैसला किया है।
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट कर कहा कि श्रमिकों को लेकर दिल्ली से बिहार के मुजफ्फरपुर के लिए ट्रेन रवाना हो गई। दिल्ली सरकार ने ट्रेन में सवार सभी 1200 लोगों का किराया दिया है।
दिल्ली सरकार की ओर आज एक बयान जारी कर कहा कि सरकार ने अपने मूल प्रदेश जाने के इच्छुक प्रवासियों की सूचना सभी प्रदेशों को दे दी है। अभी तक कई राज्यों की तरफ से कोई जवाब नहीं आने पर सरकार ने यह फैसला किया है। लॉकडाउन में फंसे बिहार के लगभग 1200 श्रमिकों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से लेकर ट्रेन मुजफ्फरपुर रवाना हो गई। ट्रेन में लोगों को बैठाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया है और उनके लिए रास्ते में भोजन और पानी आदि व्यवस्था भी की गई है।
दिल्ली में देश कई राज्यों से आकर लोग अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं। लाॅकडाउन की वजह से यह लोग दिल्ली में फंसे हुए हैं। इनमें से ज्यादातर लोग अपने मूल प्रदेश जाना चाहते हैं। केंद्र सरकार के नियमानुसार, प्रवासी जिस प्रदेश के रहने वाले हैं, उस राज्य सरकार को ट्रेन यात्रा का खर्च उठाना है। दिल्ली सरकार ने घर जाने के इच्छुक प्रवासियों की सूची तैयार करके संबंधित राज्यों को अवगत भी करा दिया है। अभी तक कई राज्यों ने कोई जवाब नहीं दिया है कि वे घर लौटने के इच्छुक प्रवासियों के ट्रेन यात्रा का खर्च उठाएंगे या नहीं।
इस पर दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि जिन राज्यों की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है और प्रवासी अपने मूल प्रदेश जाना चाहते हैं, तो उनके ट्रेन यात्रा का खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी।
केंद्र सरकार से तीसरे दौर के लाॅकडाउन में मिली ढील के बाद दिल्ली सरकार अपने मूल प्रदेश जाने के लिए इच्छुक प्रवासियों को ट्रेन के जरिए भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले चरण में सरकार ने रैन बसेरों में रह रहे प्रवासियों को घर भेज रही है। शुक्रवार को दिल्ली सरकार ने बिहार के रहने वाले करीब 1200 प्रवासियों को नयी दिल्ली रेलवे जंक्शन से रवाना किया है।
नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन से बिहार के लिए दोपहर 3ः00 बजे ट्रेन रवाना हुई। इससे पहले दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर स्थित रैन बसेरों में रहने वाले प्रवासियों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने के लिए सरकार की तरफ से पुख्ता और सुरक्षित इंतजाम किए गये थे। रैन बसेरों में रहने वाले प्रवासियों को रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने के लिए बसों का इंतजाम किया गया। सभी प्रवासियों का कल मेडिकल और स्क्रीनिंग कराया गया था।
इसके लिए डाॅक्टरों की टीमें लगाई गई थीं। सभी प्रवासियों का अच्छी तरह से स्क्रीनिंग करने के बाद उन्हें मेडिकल सर्टिफिकेट दिया गया। दिल्ली सरकार की तरफ से प्रत्येक व्यक्ति को रास्ते में दो बार खाने का इंतजाम किया गया। इससे पहले दोपहर में सभी लोगों को लंच कराया गया। दो बार खाने के लिए सभी लोगों को खाने के पैकेट दिये गये। साथ ही उन्हें बिस्किट और केला समेत मेवे भी दिए गए। प्रत्येक व्यक्ति को रास्ते के लिए पानी की दो बोतलें भी दी गईं हैं।
रैन बसेरों से प्रवासियों को रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई थी। बसों में बैठाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। एक बस में लगभग 12 लोगों को लेकर स्टेशन तक पहुंचाया गया। इस कार्य में सीविल डिफेंस के लोगों ने भी मदद की। सभी लोगों को पहले रैन बसेरे से निकाल कर पार्किंग एरिया ले जाया गया, जहां से सभी को अलग कर के बस में बैठाया गया। सभी प्रवासियों के टिकट का इंतजाम दिल्ली सरकार की तरफ से पहले ही कर दिया गया था। बसों में बैठने से पहले भी एक-एक व्यक्ति का एहतियात के तौर पर दोबारा थर्मल स्कैनर के जरिए स्क्रीनिंग की गई, ताकि किसी के शरीर का तापमान अधिक हो, तो उसे रोक कर आइसोलेट किया जा सके जिससे कि कोरोना वायरस का फैलाव न हो सके।
बसों में बैठाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा गया। लोगों को बसों में चढ़ने से पहले एक मीटर से अधिक की दूरी बना कर खड़ा किया गया। सभी लोगों को बताया भी गया कि सोशल डिस्टेंसिंग का रास्ते में भी पालन करना है। सभी को हमेशा सुरक्षात्मक रहना है। उसके बाद साबुन से हाथ धोना है। इसके अलावा सभी को मुंह ढंक कर रखने का निर्देश दिया गया। सभी को मास्क भी उपलब्ध कराए गये हैं।