लखनऊ, उत्तर प्रदेश में चंबल के बीहडों में इटावा लायन सफारी को आम पर्यटको के लिए खोलने की कडी शर्तो को हटाने के बाद इसे लोगों के लिए जल्द खोले जाने का रास्ता साफ हो गया है तथा पर्यटको को अप्रैल माह से शेरों के दीदार होने की संभावना है।
इटावा सफारी पार्क के निदेशक वी.के.सिंह ने बताया कि अब केन्द्रीय जू ऑथार्टी (सीजेडए) ने कड़ी शर्तो को हटा लिया है और कहा है कि सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त रखा जाए। इसके साथ ही सभी व्यवस्थाएं पूरी कर सफारी को अप्रैल के महीने में पर्यटकों के लिए खोले जाने की तैयारी चल रही है। इटावा सफारी पार्क में लायन सफारी ही मुख्य आकर्षण है।
उन्होंने कहा कि लोग लायन सफारी का नाम सुनकर यहां आते हैं लेकिन शेरों को न देख पाने से मायूस होकर चले जाते हैं। अब अप्रैल में लायन सफारी को खोल दिए जाने के बाद पर्यटकों को शेरों का दीदार हो सकेगा।
उन्होने बताया कि इटावा लायन सफारी को खोलने के लिए दस शेरों का प्राइड (समूह) होने की जो कडी शर्त लगाई गई थी उसे सीजेडए ने पूरी तरह हटा लिया है। अब जो शेर सफारी में हैं उन्हीं से अप्रैल में सफारी को खोल दिया जाएगा । इसके साथ ही सुरक्षा मानकों को दुरूस्त करने के लिए भी कहा है ताकि खतरे की कोई आशंका न रहे।
उन्होने बताया कि लायन सफारी को खोले के लिए सीजेडए ने दस शेरों का प्राइड बनाने के साथ ही उसमें नर और मादा शेरों की संख्या भी निर्धारित कर दी थी जिसके चलते कठिनाई हो रही थी। इसे देखते हुए सफारी प्रशासन ने सीजेडए से इन कड़ी शर्तो में छूट देने की मांग की थी। इस मामले में एक पत्र भी भेजा गया था। यह कडी शर्ते लायन सफारी को खोले जाने के मार्ग में बडी बाधा बन गईं थीं।
श्री सिंह ने बताया कि लायन सफारी में इस समय शेरनी जेसिका, हीर, जेनिफर, तेजस्वनी व मरियम तथा शेर मनन, पटौदी व वीगो मौजूद है। इसी के साथ शावक शिंबा, सुल्तान, बाहुवली -जेसिका के तीन शावक -शेरनी महेश्वरी के नर व मादा शावक, शेरनी राधा का मादा शावक है।
उल्लेखनीय है कि कुख्यात डाकुओ के आंतक से अब तक जूझती रही चंबल की तस्वीर करीब डेढ दशक पहले बदलना शुरू हो गयी थी जब वर्ष 2003 में मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने डाकुओं के खिलाफ अभियान चला कर एक के बाद एक नामी डाकुओं को घरासाई कराया तथा शेष को समर्पण करने के लिए मजबूर किया। उसके बाद इटावा को पर्यटन मानचित्र पर लाने की गरज से बीहड में लायन सफारी बनाने की रूपरेखा तैयार की गई।
श्री यादव ने जब सफारी पार्क का सपना देखा था तो उस समय उनकी सोच इस इलाके में रोजगार के मौके बढ़ाने, विकास और जिले की छवि बदलने की ही थी। अब यह सपना साकार होता दिखाई दे रहा है।
उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में लायन सफारी की शुरूआत कराई थी लेकिन सरकार चले जाने के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम रुक गया था। बहुजन समाज पार्टी की मायावती सरकार जाने के बाद अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और एक बार फिर से इस परियोजना पर बडी तेजी से काम शुरू कर दिया गया।
इटावा मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित फिशर वन इटावा में आजादी से पहले तैनात रहे अँग्रेज अफसरों के लिए मनोरंजन स्थल बना हुआ था।