लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी के धन्यवाद पत्र पर बड़ा सवाल खड़ा किया है ?
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा द्वारा स्थापना दिवस की आड़ में राजनीति करना किसी भी तरह नैतिक नहीं है।
जनता जब कोरोना संकट के समय अपनी दिक्कतों को भुलाकर एकजुट होकर सरकारी निर्देशों का पालन कर रही है भाजपा अपनी राजनीति
साधने में सभी लोकतांत्रिक मान्यताओं को तिलांजलि देने पर तुल गई है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि देश के सामने समस्याओं का पहाड़ है परन्तु भाजपा नेतृत्व है कि उसे इस वक्त भी अगला चुनाव
नज़र आ रहा है और भाजपा धन्यवाद पत्र के माध्यम से वोट के लिए केन्द्रित करने में लगी है जबकि धन्यवाद पत्र सरकार को देना चाहिए।
आर.एस.एस. और भारतीय जनता पार्टी किस अधिकार से धन्यवाद पत्र जारी कर सकती है?
दरअसल, भाजपा के आज 40वां स्थापना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यकर्ताओं को संबोधित
करते हुये कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता 40 घरों के लिए धन्यवाद पत्र लेकर जाएं। आपके इलाके में जो भी नर्स और सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी,
बैंक और पोस्टऑफिस में काम करने वाले और अन्य सरकारी सेवाओं में लगे लोगों का हमें आभार प्रकट करना है। 40 घर के पांच अलग-
अलग लोग इस धन्यवाद पत्र पर हस्ताक्षर करें।
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि किसान और नौजवान अपने जीवन के सबसे बड़े संकट के दौर से गुजर रहे हैं।
भाजपा राहत पहुंचाने के नाम पर भी धोखा दे रही है।
तमाम संगठन और नागरिक स्वेच्छा से जो भोजन या खाद्य सामग्री दे रहे है आर.एस.एस. और भाजपा कार्यकर्ता उसे अपनी ओर से राहत बता
रहे हैं। ग्रामीण जनता तथा सड़कों से दूर रहने वाले गरीबों को फांकाकशी ही करनी पड़ रही है।
राहत सामग्री के वितरण में भी भेदभाव और पक्षपात हो रहा है।
गरीबों और भूखे लोगों के लिए भोजन सामग्री लेकर जा रहे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को जगह-जगह रोका जा रहा है।
यह लोकतंत्र में स्वस्थ परम्परा नहीं है।
लाॅकडाउन के चलते दूसरे प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में कामगार अपने गांवों में आ गए हैं।
इन श्रमिकों के पास न तो कामधंधा है और नहीं खाने के लिए पैसे बचे हैं।
तमाम परिवार एक जून की रोटी भी नहीं जुटा पा रहे हैं। तमाम नौजवानों की नौकरियां छूट गई हैं। उनके समाने अंधेरा भविष्य है।
भाजपा सरकार के समय ही बेरोजगारी का रिकार्ड बना है और नोटबंदी-जीएसटी के बाद लाॅकडाउन ने तो उद्योग धंधो का भट्ठा ही बिठा दिया
हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों, कामगारों, गरीबों और नौजवानों के लिए सरकार राहत या मदद तत्काल पहुंचाने की व्यवस्था करे।