नई दिल्ली, मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज ने भरी महफिल में लाइव टेलीविज़न के सामने मोदी सरकार को आइना दिखा दिया। इकोनॉमिक टाइम्स अवार्ड्स कार्यक्रम में जिस समय मंच पर गृहमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रेल मंत्री पीयूष गोयल बैठे थे, राहुल बजाज ने खुलकर कहा कि आपसे डर लगता है। देश में ऐसा माहौल है कि लोग सरकार की आलोचना नहीं कर सकते। बजाज ने कहा कि यूपीए-2 में हम सरकार को गाली भी दे सकते थे।
राहुल बजाज का यह भाषण इकनोमिक टाइम्स अवार्ड्स कार्यक्रम का है। उन्होंने अपने छोटे से भाषण में लड़खड़ाती आवाज में देश के ज्यादातर लोगों के शब्दों को स्वर दे दिया।
राहुल बजाज ने अपने संबोधन मे कहा कि-
” सही या गलत मुझे अपनी छवि बनाए रखनी है। मेरे लिए किसी की तारीफ करना बहुत मुश्किल हैं। मेरा जन्म भले धनाढ्य परिवार में हुआ है पर लालन पालन ऐसा है कि मुझे गरीब की सहायता करनी है। मेरे दादा जी महात्मा गांधी के गोद लिए पुत्र माने जाते थे। मेरा नाम, राहुल, आप पसंद नहीं करेंगे, मुझे जवाहर लाल जी ने दिया था।”
बात सिर्फ यह नहीं है कि भागवत जी (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत) कहते हैं कि लिंचिंग विदेशी शब्द है। लिंचिंग पश्चिम में होता है …. मामूली तौर पर होता होगा पर इससे हवा बनती है। असहिष्णुता की हवा। हम डरे हुए हैं। यह हमारी गलती है कि हम डरे हुए हैं पर कुछ ऐसी बातें हैं जो मैं नहीं कहना चाहता था।
भले ही कोई न बोले, लेकिन मैं कह सकता हूं कि आपकी आलोचना करने में हमें डर लगता है, कि पता नहीं आप इसे कैसे समझोगे। हम यूपीए-टू सरकार को गाली दे सकते थे, लेकिन डरते नहीं थे, तब हमें आजादी थी। लेकिन आज सभी उद्योगपति डरते हैं कि कहीं मोदी सरकार की आलोचना महंगी न पड़ जाए।”
हम देख रहे हैं कि किसी को अपराधी नहीं ठहराया गया है, अपराधी नहीं है, बलात्कार, राजद्रोह, हत्या का आरोप नहीं है। रिश्वत लेने का मामला है, बहुत गलत है, पैसे कमाए हैं, ठीक है, हजारों करोड़ रुपए का मामला है, हां, वह गलत है पर दोष सिद्ध हुए बिना कोई 100 दिन से जेल में है। मैं किसी का समर्थन नहीं कर रहा। सिर्फ हेलो -हेलो के अलावा मैं संबंधित व्यक्ति को जानता भी नहीं हूं। 40-50 वर्षों में मैं कभी किसी मंत्री से दफ्तर में या घर पर नहीं मिला। पीयूष (केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल जो मौजूद थे) इससे सहमत होंगे क्योंकि मैं उन्हें बहुत अच्छी तरह जानता हूं। कुछ मांगा नहीं ….”
हमारे मन में है, लेकिन कोई इंडस्ट्रियलिस्ट बोलेगा नहीं, हमें सरकार से एक बेहतर जवाब चाहिए, सिर्फ इनकार नहीं चाहिए, मैं सिर्फ बोलने के लिए नहीं बोल रहा हूं, एक माहौल बनाना पड़ेगा, मैं पर्यावरण और प्रदूषण की बात नहीं कर रहा हूं, यूपीए-टू में तो हम किसी को भी गाली दे सकते थे, वह अलग बात है, आप अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन हम खुलकर आपकी आलोचना करें, तो भरोसा नहीं है कि आपको बुरा नहीं लगेगा, मैं गलत हो सकता हूं, लेकिन वह सबको लगता है कि ऐसा है, मैं सबकी तरफ से नहीं बोल रहा हूं, मुझे यह सब बोलना भी नहीं चाहिए, क्योंकि लोग हंस रहे हैं कि चढ़ बेटा सूली पर….”
बजाज परिवार देश का ऐसा उद्योग घराना है जो धारा के खिलाफ खड़े रहने की हिम्मत रखता रहा है। राहुल बजाज इसी की कड़ी हैं। चाहे सरकार एनडीए की हो या फिर यूपीए की, अगर उन्हें कुछ गलत लगा, तो उन्होंने उस पर जमकर प्रतिक्रया दी है। कभी डरे नही कभी चुप भी नहीं रहे।
वह राज्यसभा में रहते हुए कभी सरकार को थपथपाया तो आलोचना के मौके पर उन्हें पिन भी चुभोया।
सबसे खास बात ये है कि वर्ष 2001 में जब उन्हें पदमश्री मिला तो केंद्र में अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार थी।
वह वर्ष 2013 में राहुल बजाज ने यूपीए सरकार की लानत-मलामत करते हुए उनपर इकोनॉमी से खिलवाड़ करने का जिम्मेदार बताया था।
मोदी सरकार पार्ट वन मे जब नोटबंदी हुई तो उसके करीब आठ महीने बाद उन्होंने कहा कि ये गलत हुआ,क्योंकि नोटबंदी के सकारात्मक परिणाम नहीं निकलेंगे।
इसके बाद इसी साल मार्च में वो बजाज आटो के एजीएम में जब बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने कहा, ये वास्तविकता है कि मंदी आ गई है.
राहुल बजाज के संबोधन के बाद, मंच पर विराजमान बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। उन्होने कहा, “मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है।” प्रज्ञा ठाकुर वाले मामले पर शाह ने कहा कि, “प्रज्ञा ठाकुर ने जो कुछ कहा हम उसकी निंदा करते हैं।”
अर्थव्यवस्था के मामले में अमित शाह ने कहा कि, “2004 से 2014 के बीत कुछ ऐसी घटनाएं हुई। इससे साफ हो जाएगा अगर आप हमारे वित्तीय आंकड़े देखेंगे।”
राहुल बजाज के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि अगर वह कह रहे हैं कि कोई खास तरह का माहौल बन गया है तो किसी को डरने की जरूरत नहीं है। शाह ने कहा कि हमें मिलकर इस माहौल को बदलने की कोशिशें करनी होगी।
अमित शाह ने कहा, ‘मगर फिर भी आप जो कह रहे हैं कि एक माहौल बना है, हमें भी माहौल को सुधारने का प्रयास करना पड़ेगा…लेकिन मैं इतना जरूर कहना चाहता हूं कि किसी को डरने की कोई जरूरत नहीं है…ना कोई डराना चाहता है…ना कुछ ऐसा करा है जिसके खिलाफ कोई बोले तो सरकार को चिंता है…यह सरकार बेहद पारदर्शी ढंग से चली है, और हमें किसी भी प्रकार के विरोध का डर नहीं है, और कोई करेगा भी तो उसके मेरिट्स देखकर हम अपने आप को इंप्रूव करने का प्रयास करेंगे।’
संबोधन के बाद डिनर का कार्यक्रम चल रहा था, इस दौरान पीयूष गोयल उस जगह पहुंचे, जहां सभी उद्योगपति डिनर का लुत्फ उठा रहे थे। उन्होंने पूछा, “राहुल कहां हैं?” उन्होंने पाया कि राहुल बजाज कमरे के सबसे आखिरी छोर पर बैठे हुए थे। वह उनके पास पहुंचे और गर्मजोशी के साथ उनसे हाथ मिलाया। उन्होंने राहुल बजाज को आश्वस्त करते हुए कहा कि सामने से बोलकर उन्होंने अच्छा किया और घबराने की जरूरत नहीं है।