प्रयागराज, मस्जिद में लाउडस्पीकर से अजान पर रोक के खिलाफ गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी की जनहित याचिका पर सोमवार को राज्य सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जवाब दाखिल किया ।
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने इस मामले में सरकार का पक्ष रखा। न्यायालय ने याची के अधिवक्ता को प्रत्युत्तर दाखिल करने का समय दिया है। याचिका की सुनवाई मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से होगी। इस मामले में याचिकाकर्ताओ की तरफ से पूर्व सांसद एवं उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग से बहस करेंगे ।
मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है।
राज्य सरकार ने याची की मांग को निराधार बताते हुए याचिका खारिज करने की मांग की है। कहा गया कि लाॅकडाउन मे सरकार बिना भेदभाव के कार्य कर रही है। नागरिकों की सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाये गये हैं।
सांसद अंसारी ने लाउडस्पीकर से मस्जिदों में अजान पर रोक लगाने के डीएम गाजीपुर के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की है जिसमें कहा गया है कि गाजीपुर के जिलाधिकारी का आदेश धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का हनन है।
सांसद ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से देश की जनता परेशान है। सभी लोग लाॅकडाउन नियमो का पालन कर रहे हैं। लोग अपने अपने घरों में नमाज पढ़ रहे हैं लेकिन जिलाधिकारी ने अपने मौखिक निर्देश से जिले में मस्जिद से अजान पर रोक लगा दी है, जो गलत है। पत्र का संज्ञान लेकर उच्च न्यायालय से उचित कार्रवाई करने एवं न्याय की मांग की गयी है ।
सरकार की तरफ से कहा गया कि जिला अधिकारी ने विगत मार्च माह से ही केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत किसी भी प्रकार के सामूहिक धार्मिक कार्यक्रम पर रोक लगायी हुई है । यह रोक रामनवमी, अम्बेडकर जयन्ती, ईस्टर व नमाज आदि सारे कार्यक्रम पर लगा हुआ है । चूंकि गाजीपुर जिला में भी कुछ कोरोना के केस मिले थे , इस कारण कहीं पर भी भीड़ न हो इस नाते कार्यक्रमो पर रोक लगी हुई है । जिले में कहीं भी कोई सामूहिक आयोजन नहीं हो रहा है।