लखनऊ,, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने प्रदेश में पशुपालकों की सहूलियत के लिए पशुधन-गोधन बैंक बनाने को केंद्र व राज्य सरकार को निर्देश देने के आग्रह वाली जनहित याचिका को यह कहते हुए निस्तारित कर दिया कि इसके लिए याची संबंधित अफसरों को प्रत्यावेदन(अर्जी) दे सकते हैं । जो इसपर गौर कर कानून के मुताबिक़ निर्णय लेंगें।
यह आदेश न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और न्यायामूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता अशोक पांडेय व एक अन्य की जनहित याचिका पर दिया। याचियों का कहना था कि प्रदेश में पशुपालक अगर कुछ समय के लिये कहीं जाना चाहें तो उन्हें पशुओं को कहीं रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए याचियों ने पशुधन-गोधन बैंक बनाने को केंद्र व राज्य सरकार को निर्देश देने की गुजारिश की थी । जिससे पशुओं पर होने वाला खर्चा जमा करके पशुपालक इस बैंक में अपने पशुओं को रख सकें।
उधर, सरकारी वकील ने कहा कि सम्बंधित अफसरों को प्रत्यावेदन दिए बगैर याचिका दायर की गई है, जो सुनवाई किये जाने लायक नहीं है। इसपर याची वकील ने यूपी सरकार के पशुधन विकास सचिव को प्रत्यावेदन देने की अनुमति दिए जाने का आग्रह किया।
न्यायालय ने यह कहते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया कि इसके लिए याची संबंधित अफसरों को प्रत्यावेदन दे सकता है, जो इसपर गौर कर कानून के मुताबिक़ निर्णय लेंगें।